नई दिल्ली। सोसाइटी फाॅर डिसेब्लिटी एंड रिहेबिलेशन स्टडीज, नई दिल्ली के तत्वावधान में प्रकाशित इंटरनेशनल जर्नल आॅफ डिसेब्लिटी स्टडीज के विशेषांक का केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने विमोचन किया। इस जर्नल का विषय है – भारतीय परिप्रेक्ष्य में विकलांगता सहायक प्रौद्योगिकी तथा कृषि व्यवसाय। विमोचन के अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने विकलांगों के सशक्तीकरण तथा विकलांगता अध्ययन के शिक्षण तथा शोध को बढावा देने की दिशा में सोसाइटी फाॅर डिसेब्लिटी एंड रिहेबिलेशन स्टडीज के योगदान का विशेष रूप से जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री ने डाॅ जीएन कर्ण की जीवटता और उनके किए गए कार्यों की सराहना की।
इस अवसर पर संस्था कें मानद अध्यक्ष व जर्नल के संपादक तथा जेएनयू के विकलांगता अध्ययन विशेषज्ञ डाॅ जीएन कर्ण ने भूतपूर्व राष्ट्पति डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोग से संस्था की पहल पर भारत सरकार के द्वारा एक अन्तरानुशानात्मक (इंटर डिसप्लेनरी) विषय के रूप में विकलांगता अध्ययन की मान्यता को भारत में विकलांगता अधिवकार आंदोलन में मील का पत्थर बताया। बता दें कि साल 2000 से संस्था के तत्वावधान में प्रकाशित भारत का यह पहला अन्तरानुशानात्मक जर्नल है, जो विकलांगता अध्ययन पपर केंद्रित है। जर्नल के विमोचन के अवसर पपर संस्था के महासचिव अनिल कुमार कर्ण, कोषाध्यक्ष रमण कुमार सहित संस्था के अजय कुमार कर्ण, रंजन प्रसाद, श्याम यादव उपस्थित थे।
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