दिल्ली: गर्लफ़्रेंड की चाहत में जन्मदाता की मौत पर दस्तखत!

नई दिल्ली। गर्लफ़्रेंड की चाहत में जन्मदाता की मौत पर दस्तखत करने वाले एक कलयुगी पुत्र को दिल्ली के जामिया नगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस दरिंदे का नाम है, अब्दुल रहमान। इसने अपने दो साथियों नदीम और गुड्डू के साथ मिलकर दिया था, वारदात को अंजाम।

28 मई की सुबह करीब साढ़े छह बजे जामिया नगर थाने की पुलिस को सूचना मिली कि जाकिर नगर में एक घर मे प्रथम मंजिल पर बुजुर्ग महिला व पुरुष का शव पड़ा है। इस सूचना पर जामिया नगर थाने क़ी पुलिस मौके पर पहुंची, तो घर के अंदर दोनो शव पड़े थे। मौके पर  मृतक दंपत्ति का लड़का 26 वर्षीय अब्दुल रहमान के अलावा पास-पड़ोस के लोग थे। उनसे पूछताछ में  दोनो मृतकों की शिनाख्त मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी तस्लीम के रूप में हुई। मृतक दंपत्ति उस घर मे अपने लड़के अब्दुल रहमान के साथ रहते थे।

पुलिस ने अब्दुल रहमान से पूछताछ की, तो पता चला कि उसी ने फोन कर घटना क़ी सूचना जामिया नगर थाने की पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी।

बकौल अब्दुल रहमान वह रात को घर आया, तो दरवाजा बंद मिला। उसे लगा कि माता-पिता सो गए हैं, इसलिये रात को वह वहां से चला गया। उस रात वह अपने एक जानकर के घर जाकर सो गया था। अब्दुल रहमान ने आगे बताया कि वह जब आज सुबह घर पहुंचा, तो पुनः दरवाजा अंदर से बंद था। उसने कई बार बेल बजाई, लेकिन दरवाजा नही खुला। फिर उसे कुछ अनहोनी की आशंका हुई और उसने दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद वह कमरे के अंदर दाखिल हुआ, तो उसके माता-पिता मृत व इस हाल में पड़े थे। इसके बाद उसने फ़ोन कर घटना क़ी सूचना पुलिस को दी थी।

शुरुआती जांच में अब्दुल रहमान के बयान व दोनो मृतको के जिस्म पर चोट या जख्म के निशान कहीं मौजूद नही होना, इस संभावना को बल दे रहा था कि मामला खुदकुशी से जुड़ा है। लेकिन पुलिस को हत्या की संभावना से भी इनकार नही था, क्योंकि मामला संदिग्ध था।

बहरहाल पुलिस ने शव व घटनास्थल की जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। यह मामला पुलिस के लिये वाकई चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि पुलिस के सामने हत्या व आत्महत्या की गुत्थी उलझी हुई थी।

मामले की जांच के लिये जामिया नगर थाने के SHO इंस्पेक्टर संजीव कुमार के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर(तफ्तीश) भरत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार, सब इंस्पेक्टर भगवान सिंह, ASI भगवान सिंह, ASI देवेन्द्र, ASI बिजेंद्र, हेड कांस्टेबल यशपाल और कांस्टेबल अमरीश शामिल थे।

पुलिस टीम ने जांच के दौरान घटना की तकरीबन हर पहलुओं पर सूक्ष्मता पड़ताल किया। जांच के बाद पुलिस टीम इस नतीजे पर पहुंची कि मामला हत्या का है। इसकी दो प्रमुख वजह थी। पहली, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को मौखिक रूप से बता दिया था कि मामला हत्या का प्रतीत होता। दम घुंटने से दोनो मौतें हुई है, इस बात की पूरी संभावना है। और दूसरी, पास-पड़ोस से पूछताछ में पता चला था कि मृतक दंपत्ति खुदकुशी किये, यह उनके लिये हजम होने की बात नही है।

चुकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में समय लगता है। लिहाजा पुलिस टीम बहरहाल आश्वस्त भी नही थी, कि किसी ठोस नतीजे पर कैसे पहुंचा जाए। लेकिन मामला हत्या का है, पुलिस टीम को आभास लग गया था।

इसी बीच पास-पड़ोस व दंपत्ति के जानकारों से पूछताछ में पता चला कि दंपत्ति का बेटा अब्दुल रहमान आवारा टाइप का युवक है। साथ ही गांजा, स्मैक सहित तकरीबन हर नशे की बेहद खराब लत इसके अंदर है। इस वजह से इसके माता-पिता इससे रंज रहते थे और आपस मे इनका झगड़ा भी होता था। पता चला कि इसके नशे की लत से परेशान होकर इसकी पत्नी भी इसे छोड़कर चली गई थी। यह भी पता चला कि घटना की बीती देर रात यह घर के पास देखा गया था। साथ में दो युवक भी थे। यह जानकारी पुलिस टीम के लिए एक अहम सुराग था।

पुलिस टीम ने 15 मई को अब्दुल रहमान से पुनः गहन पूछताछ की। मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर अब्दुल रहमान जल्द टूट गया। उसने स्वीकार किया कि माता-पिता का कत्ल उसने किया। बकौल अब्दुल रहमान, वारदात में उसके अलावा उसके दो अन्य साथी नदीम व गुड्डू शामिल थे, जिन्हें उसने वारदात में साथ देने के लिए दो लाख रुपये की सुपारी दी थी। अपराध स्वीकारोक्ति के साथ ही अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया। फिर इसकी निशानदेही पर दूसरा आरोपी नदीम भी पुलिस टीम के हाथ आ गया। जबकि तीसरा आरोपी गुड्डू पुलिस टीम के हाथ नही आया। घटना की बीती रात तीनो आरोपियों ने दम्पत्ति का तकिये व चादर से नाक व मुंह दबा दिया। इस वजह से दम घुंटने से दम्पत्ति की मौत हो गई थी।

अब्दुल रहमान ने अपने खुलासे में बताया कि फेसबुक के जरिये कानपुर की एक लड़की से उसकी दोस्ती हुई थी। वह दोनो शादी करना चाहते थे। लेकिन उसके परिजन इस शादी के खिलाफ थे। इसके अलावा नशे की लत को पूरा करने के लिए माता-पिता उसे पैसे भी नही देते थे। इस वजह से उसने यह वारदात किया, ताकि कोई रोड़ा न रहे।

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