ऩईदिल्ली
ग्लोबल फिल्म महोत्सव के दूसरे चरण में साइंटिस्ट मनोज श्रीवास्तव की अगुआई में रेनुवेटिंग डिजिटल फिल्म एजुकेशन एंड इंवरमेंट फ्रेंडली डेवलपमेंट जस्टिस एंड पीस पर कई विद्वजन ने अपने अपने विचार रखे। जिसमें कई विशेषज्ञों ने प्रोजेक्टर पर फिल्म दिखाकर प्रदूषण पर अगाह किया। इस सेमिनार में खास तौर पर प्रो वीके गोस्वामी, प्रो. प्रिया रंजन त्रिवेदी, प्रो. मार्केदिया राय, प्रो. पीवी शर्मा, प्रो. ग्ले टी मार्टिन, प्रो.पीवीएन मूर्ति, प्रो, ग्रेगोरी बर्गलैंड,डॉ एके मर्चेंड, प्रो भू देव शर्मा, निर्मल सिंह, बलराज सिंह, ज्ञान भारद्वाज,साध्वी पूर्वी, मैडम कीम ने अपने अपने विचार रखे। इस खास सेमिनार में मनोज श्रीवास्तव ने प्रकृति की महत्ता पर खास चर्चा की। वहीं ग्ले टी मार्टिन ने आगाह किया कि भारत ही नहीं विश्व पर्यावरण प्रदूषण का शिकार होता जा रहा है। इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। इसके लिए इंटरनेशनल नियम भी बने हैं लेकिन इसका सदुपयोग नहीं हुआ है। इस खास मौके पर निर्मल सिंह ने कहा कि बिहार जैसे प्रदेश में पहले से ही प्रकृति की पूजा छठ पर्व के रूप में मनाया जाता रहा है जो आज विश्व भर में लोकप्रिय हो रहा है। इस खास मौके पर नेचुरोपैथी पर भी चर्चा हुई जिसपर खूब तालियां बची।
कार्यक्रम के अंत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और मैं वृद्ध हूं नाट्य मंचन भी किया गया जिसे देखकर श्रोता भाव विह्वल हो उठे। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। गौरतलब है कि कांस्टिट्यूशन क्लब नईदिल्ली में वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव 30 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 100 से अधिक फिल्में दिखाई जा रही हैं। महोत्सव की शुरुआत वैदिक यज्ञ के साथ किया गया। जिसमें इंद्रेश जी खास तौर पर हिस्सा लिया और महोत्सव की शुभकामनाएं दी।
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