वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के पांचवें दिन खूब रही गहमागहमी -गौरक्षा आंदोलन आजादी की दूसरी लड़ाई

-वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के पांचवें दिन खूब रही गहमागहमी
-मनोज पाल की दो फिल्म प्रकृति का कर्ज और द रियल गिफ्ट दर्शकों को लुभाया।
-आज पीढ़ियों को समझाने की जरूरत है कि गौ हमारी माता है- गुरु जी भू।
-देश में लोगों की मानसिकता गुलाम है- स्वामी जनार्दन
– वर्ल्ड हेल्थ इनिशिएटिव फॉर पीस के चेयरमैन डॉ के के झा ने स्वस्थ रहने के तरीके सीखाए।

वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के पांचवें दिन दो फिल्म की खूब चर्चा हुई। मनोज पाल की दो फिल्म द रियल गिफ्ट और प्रकृति का कर्ज लोगों को खूब लुभाया। मनोज पाल ने द रियल गिफ्ट जो सामाजिक सरोकार की मूवी है जिसमें आज जिस प्रकार से गाली देकर संबोधन किया जाता है जिसपर उन्होंने संदेश दिया है कि इसको आवश्यक रूप से बंद किया जाए। इनकी दूसरी मूवी प्रकृति का कर्ज में कैसे प्रकृति की रक्षा करेंगे। इसके लिए इन्होंने यह मूवी बनाई जिसे भी पसंद किया गया। इसके प्रोड्यूसर ममता जी है।
इसके पहले वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के पांचवें दिन सेमिनार से शुरुआत हुई। विषय रखा गया यज्ञ यानी योग, आयुर्वेद, गोविद्या याग का अनुसंधान। इस विषय का थीम रखा गया प्रकृति एवं गो माता। कार्यक्रम की शुरुआत विश्व प्रकृति परिवार के संस्थापक गुरू जी भू ने कहा कि आज पीढ़ियों को समझाने की जरूरत है कि गौ क्यों हमारी माता है। क्योंकि हमारी पीढ़ी कैसे मानेगी। क्यों है गाय हमारी माता। आयुर्वेद आज की जरूरत है और गौ माता से ही कई दवाईयां हमें मिल जाता है। जिसको जानने की जरूरत है।
प्रकृति ही अतिरिक्त दो करोड़ रोजगार है। प्रकृति की ओर हमें लौटना ही होगा। वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव में हमने लगभग सभी विधाओं पर चर्चा की है।
इस मौके पर मंच का संचालन डॉ श्रीनिवास राव सुरभि ने गौरक्षा के कार्यक्रम की रूपरेखा रखा और कहा कि हमने संकल्प लिया है किसी भी हद तक जाकर गौ रक्षा किया जाए जिसके लिए हम सदा तैयार रहेंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जनार्दन स्वामी जी ने गौ वंश एवं संयुक्त रक्षा अभियान चला रहे हैं। भाग 3 अनुच्छेद 3 पढ़े। प्रत्येक व्यक्ति को अपने अपने आस्था और धर्म को मानने और प्रचार करने का हक होगा। तो हमे गौ माता के प्रति कितनी आस्था है सबलोग जानते हैं। जिसकी हम पूजा करते हैं। उसी की हत्या कर रही है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक जो भी सरकारे हैं इस आज्ञा का उल्लंघन करते आ रहे हैं। सरकार स्वयं कसाई खाने की लाइसेंस दे दिया है। जो हमारे अधिकार को छिन लिया है। जीता वहीं है जिसका स्वाभिमान जीता है। धर्मवीर एक बार मरकर अमर हो जाता है। हम अपने अधिकार की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। जनार्दन स्वामी जी ने कहा गौरक्षा को गुंडा करते हैं जबकि वे गुंड़ा है। आज पूरे देश में सभी जनता को आगे आना होगा। रोड पर उतरना होगा। भारत सरकार के चिह्न पर अशोक स्तंभ है। जिसपर नंदी का चिह्न है। लेकिन उसी पैठ और चिह्न से हत्या के आदेश दिया जाता है। पूरे देश के लोगों की मानसिकता गुलाम की तरह है। गौरक्षा आंदोलन आजादी के दूसरी लड़ाई है। पूरे देश में गौरक्षा के लिए आंदोलन चलाया जाना चाहिए। आज भारत सरकार कानून पारित करे। स्वामी जनार्दन जी ने कहा की क्षेत्रीय स्तर पर धरना एक ही दिन पूरे देश में दें तभी कुछ काम बनेगा। संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर भी होगा तो सबका पता चल जाएगा। यह आंदोलन का प्रथम चरण होगा। दूसरा चरण की घोषणा उसी समय किया जाएगा।
इस मौके पर श्याम सुंदर कश्यप ने मंच का संचालन करते हुए कहा कि आज गौ रक्षा की आवश्यकता है जिसके लिए 18 फरवरी का एकजुट होना है। इस दिन सभी संस्था एक होगें और मजबूत होकर गौरक्षा पर कार्य करेंगे।
इस खास सेमिनार को संबोधित करते हुए गौ रक्षा आंदोलन के दिल्ली प्रांत के संरक्षक पूज्य श्री राधाकांत ने कहा कि समाज की स्थिति सबसे खराब हो गया है। आज छोटे छोटे बच्चे मनोरोग के शिकार हो रहे हैं इसके लिए समाज और सरकार दोनों दोषी है। राधाकांत ने गौरक्षको संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 80 करोड़ थी। गोवंश 120 करोड़ थे। आज मनुष्य 120 करोड़ हैं लेकिन गौवंश 8 करोड़। हमें इस स्थिति को सुधारना होगा। आज कई सेलटर हाउस चल रहे हैं इसको बंद करने की जरूरत है। दिल्ली गोकुल बने इसके लिए हम कार्य करना है। राधाकांत ने कहा कि हम गौपालन करे और जितने संगठन है उसको एकजुट करे। दिल्ली में घर घर गौ भक्त पैदा करना हमारा लक्ष्य है। केवल आंदोलन नहीं गौ पालन करना है। हम तो चाहेंगे गोपाल मुनि के नेतृत्व में भारत गौपालन बने इसके लिए हमें कार्य करना होगा।
इस सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रदीप भाई ने ओजस्वी भाषण से लोगों को जोश ला दिया। उन्होने कहा कि मां की रक्षा के लिए सबको आगे आने की जरूरत है। गौ की प्रतिष्ठा से हमारी प्रतिष्ठा है। 36 हजार कत्लखाने को बंद करो मत करो सरकार गौ को राष्ट्रीय पशु घोषित करो। जिससे अपने आप कत्ल बंद हो जाएगा। राष्ट्रीय गौरक्षा मंच के आलोक सोलंकी ने गाय पर बेहतरीन गीत सुनकर लोगों का मन जीत लिया। 1857 की क्रांति की उन्होंने गीत सुनाई।
देश में मुर्ख और नीच
इस मौके पर बिहार से आए आवाज एक पहल संस्था के अध्यक्ष मनोज भाई ने कहा कि गौमाता की दूध जिस बच्चे को मिलता है उनकी शक्ति और दूसरे बच्चे की शक्ति को देखकर यह बताया जा सकता है कि कौन बेहतर है। गौ माता की रक्षा के लिए उनकी संस्था सदा आगे रहता है।
इस मौके पर अमित आर्य ने कहा कि आज गाय की घी से कई बीमारिया का इलाज है। लेकिन आज इसको समझा नहीं जाता है। इसको समझने की जरूरत है। घी से हवन से ही कई बीमारियां छू मंतर हो जाता है। इस खास सेमिनार को संबोधित करते हुए राजेश शर्मा ने कहा कि 16 तत्व सिर्फ देशी गौमाता में पाया जाता है। इसको संमझने की जरूरत है। आज वैज्ञानिक भी इसको समझ रहे हैं।
इस मौके पर सुरभि मित्र ने गौ रक्षा क्यों और कैसे किया जाए इसके पर खास चर्चा की। जिसके लिए आज तैयार होने की जरूरत है।
वर्ल्ड हेल्थ इनिशिएटिव फॉर पीस
योग चिकित्सक डॉ के के झा, चेयरमैन, वर्ल्ड हेल्थ इनिशिएटिव फॉर पीस (डब्ल्यू एच आई पी) ने कार्यक्रम के शुरूआत में सभी सदस्यों को शपथ दिलाया कि — आइये हम सभी लोग इस अवसर पर शपथ लें कि जीवन भर अपने आपको तथा प्रकृति को स्वस्थ रखने के लिए प्रयास करते रहेंगे। कार्यक्रम में खास तौर पर आँखों कि समस्या , गर्दन दर्द, कमर दर्द, घुटना दर्द, बी पी, शुगर, थायराइड एवं साइनस से जुड़ी हुई गम्भीर समस्याओं के समाधान के लिए सरल योगाभ्यास कराया गया।
गौरतलब है कि वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव 25 से 30 दिसंबर तक कांस्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में आयोजन किया गया है। इस महोत्सव का उद्घाटन 25 दिसंबर को वैदिक यज्ञ से शुरुआत की गई।

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