नई दिल्ली।दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली पुलिस की टीम ने एक संयुक्त अभियान में दबिश देकर रानी बाग थाना इलाके में एक बड़े कारोबारी के घर से दो मासूम बच्चियों को मुक्त कराया है। बच्चियों से करवाया जाता था घर मे घरेलू नोकरानी का काम। स्थानीय पुलिस ने इस बाबत मुकदमा दर्ज कर कारोबारी के बेटे को हिरासत में लिया है। पड़ताल जारी है।
खबर के अनुसार बुधवार की शाम दिल्ली महिला आयोग को सूचना मिली कि पीतमपुरा के सबसे पाश इलाके में शुमार सैनिक विहार स्थित मकान नम्बर 39 में दो मासूम बच्चियों से घरेलू नोकरानी का काम लिया जाता था। इस सूचना पर दिल्ली महिला आयोग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रानी बाग थाने की पुलिस के साथ दबिश देकर वहां से दो मासूम बच्चियों को मुक्त कराया।
दोनों मासूम बच्चियों की उम्र 9 साल ओर 7 साल है बतायी जाती है। पता चला है कि झारखंड के आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाली इन दोनों बच्चियों को यहां पर सीमा नाम की एक महिला लेकर आई थी। इनमे बड़ी लड़की को 7 महीने पहले लाया गया था। जबकि दूसरी को तीन से चार महीने पहले लाया था।
बहरहाल शुरुआती पूछताछ के बाद रानी बाग थाने की पुलिस ने कारोबारी के बेटे को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।
खबर है कि बच्चियों के जिस्म पर एक-दो जगह नाखून से खरोंच के निशान भी मिले है। ऐसे में पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन्हें मारा-पीटा तो नही जाता था।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। मामले में जो दोषी नजर आएंगे, उनपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
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