बवाना(दिल्ली): बहुचर्चित ‘अभिषेक अपहरण कांड’ का खुलासा

नई दिल्ली। रोहिणी जिले के बवाना थाने की पुलिस ने ढाई वर्षीय मासूम अभिषेक को सकुशल बरामद कर ‘अभिषेक अपहरण कांड’ का खुलासा कर दिया है। मामले में दो महिलाएं सहित एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

घटना 23 फरवरी, 2018 की है। बवाना के इंद्रराज कॉलोनी में किराये के मकान में सपरिवार रहने वाले सुखराम निजी कंपनी में काम करते हैं, जबकि पत्नी घरेलू महिला है। उस दिन दोपहर करीब तीन बजे इनका ढाई वर्षीय लड़का अभिषेक घर के बाहर गली में खेल रहा था। उसी दौरान वह रहस्यमय ढंग से अचानक गायब हो गया।

परिजनो ने अपने स्तर से अभिषेक की तलाश की हर संभव कोशिश की। लेकिन उसका कोई सुराग नही मिला। इसके बाद विवश होकर उसी दिन शाम करीब छह बजे अभिषेक के पिता सुखराम बवाना थाने पहुंचे। उन्होंने थाने के SHO इंस्पेक्टर धर्म देव को पूरी बात बताई, तो इंस्पेक्टर धर्म देव ने उसी समय सुखराम के बयान पर इस बाबत बवाना थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ अभिषेक के अपहरण का मुकदमा अपराध संख्या 89/18 पर भादवि की धारा 363 के तहत दर्ज कर लिया। मामले की जांच का भार तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर रवि राणा को दिया।

बवाना थाने के SHO इंस्पेक्टर धर्म देव ने मामले को जल्द हल करने के लिए अपने निर्देशन तथा सब इंस्पेक्टर रवि राणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम में हेड कांस्टेबल मनजीत, हेड कांस्टेबल राजीव, कांस्टेबल अमित व कांस्टेबल सुरेश सहित करीब एक दर्जन अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे।

जांच के दौरान पुलिस टीम ने घटना की तकरीबन हर पहलुओं पर बारीकी पूर्वक पड़ताल की। इस क्रम में मौके से कुछ दूरी पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पुलिस टीम को अहम सुराग मिला। उस फुटेज में लाल रंग की सलवार कमीज पहन रखी एक युवती अभिषेक को गोद मे उठाकर ले जाते दिख रही थी।

फुटेज से जाहिर था कि अभिषेक को गायब करने में उस युवती का हाथ है। लेकिन वह युवती कौन है, यह सवाल बहरहाल पुलिस टीम के लिये रहस्य की बात थी।

अब पुलिस टीम ने फुटेज से उस युवती के फोटो बनवाये। फ़ोटो के सहारे आसपास की कालोनियों में शिनाख्त की कोशिश की, तो एक शख्स ने युवती की पहचान शिवानी, पत्नी दयाराम, निवासी सय्यद कॉलोनी, बवाना के रूप में की। बता दें कि सय्यद कॉलोनी अभिषेक के घर से पांच गली छोड़कर था।

पहचान के बाद पुलिस टीम शिवानी के घर पहुंची, तो उसके घर के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा मिला। पड़ोसियों से पुछताछ में पता चला कि शिवानी एक दिन पहले अपने घर में दिखी थी। इसके बाद वह कहां गयी, इससे पड़ोसी अनजान थे। पड़ोसियों से जानकारी मिली कि मूल रूप से उत्तरप्रदेश के हरदोई की रहने वाली शिवानी यहां किराये के मकान में रहती है। यह भी पता चला कि शिवानी कोठियों में घरेलू नौकरानी का काम करती है। जबकि पति फैक्ट्री में काम करता है। इससे अधिक जानकारी पड़ोसियों के पास नही थी।

अब पुलिस टीम सरगर्मी से शिवानी की तलाश में लग गयी। आखिरकार पुलिस टीम ने 25 फरवरी की शाम दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से शिवानी की हिरासत में ले लिया। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।

थाने में लाकर शिवानी से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, तो वह जल्द टूट गई। पूछताछ में शिवानी ने बताया कि उसने अभिषेक का अपहरण कर उसे 45 हजार रुपये में बवाना के ईश्वर कॉलोनी में सपरिवार रहने वाली रश्मि नामक एक युवती से बेच दिया था। शिवानी ने बताया कि अभिषेक अब रश्मि के पास है।

उपर्युक्त जानकारी के बाद पुलिस टीम ने शिवानी की निशानदेही पर रश्मि के घर पर दबिश देकर वहां से अभिषेक को सकुशल बरामद कर, रश्मि को गिरफ्तार कर लिया। रश्मि के अलावा रश्मि के भतीजा को भी वारदात में संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया, जो बीबीए का कोर्स कर रखा है।

तीनो आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि शिवानी पहले रश्मि के घर घरेलू नौकरानी का काम करती थी। इस वजह से शिवानी व रश्मि एक-दूसरे से वाकिफ थे। शिवानी की एक छोटी बहन बहादुरगढ़ में रहती है, जिसे कोई लड़का नही है। इस वजह से वह परेशान थी। तभी रश्मि ने अपनी इस छोटी बहन की खुशी की खातिर शिवानी से कोई छोटा बच्चा ला देने को कहा था। रश्मि ने शिवानी को लोभ दिया था कि बच्चा ला देने पर वह उसे मुहमांगी रकम देगी। फिर शिवानी ने अभिषेक को चुराकर उसे रश्मि को सौंप दिया था। तब रश्मि का आरोपी भतीजा भी रश्मि के साथ था। इसके एवज में रश्मि ने शिवानी को 45 हजार रुपये दिए थे।

पुलिस टीम ने शिवानी के पास से उसे रश्मि से मीले 45 हजार रुपयों में 42 हजार रुपये की बरामदगी कर ली है। पुलिस जांच जारी है।

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