दिल्ली: भारत नगर पुलिस ने खोला अपहरण का राज

नई दिल्ली। भारत नगर थाने की पुलिस ने पिछले दिनों इलाके से अपहृत चार वर्षीया मासूम राबिया (परिवर्तित नाम) को सकुशल बरामद कर मात्र चार दिनों के अंदर उसके अपहण की गुत्थी सुलझा ली है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

मामले में पुलिस टीम ने अपहरण की मास्टरमाइंड महिला बेबी व उसके आशिक बनवारी को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने दोनो आरोपियों को आज दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें रोहिणी जेल भेज दिया गया।

वजीरपुर जेजे कॉलोनी में किराए के मकान में माँ व छह अन्य भाई-बहनों के साथ रहने वाली राबिया के पिता की मौत करीब एक साल पहले हो गई थी। जबकि माँ कोठियों में साफ-सफाई कर परिवार का जीविकोपार्जन करती है। संतानों में राबिया छोटी है।

घटना छह जुलाई की शाम करीब छह बजे की है। राबिया घर के बाहर गली में खेल रही थी। उसी दौरान वह रहस्यमय ढंग से अचानक गायब हो गयी।

परिवार को जब राबिया के लापता हो जाने की भनक लगी, तो उन्होंने पास-पड़ोस की मदद से अपने स्तर से उसकी तलाश की हर संभव कोशिश की। लेकिन राबिया क़े बारे में कोई जानकारी नही मिल पाई। इसके बाद राबिया की माँ ने रात्रि करीब ग्यारह बजे भारत नगर थाने पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी।

भारत नगर थाने के SHO इंस्पेक्टर शरत चंद्र निर्मल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी समय राबिया की माँ के बयान पर इस बाबत अज्ञात अपहर्ता के खिलाफ थाने में मुकदमा अपराध संख्या 236/18 पर भादवी की धारा 363 के तहत दर्ज कर लिया

मामले की जांच के लिए उत्तर पश्चिम दिल्ली की तेज-तर्रार महिला डीसीपी असलम खान ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ए के लाल के निर्देशन तथा भारत नगर थाने के SHO इंस्पेक्टर शरत चंद्र निर्मल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम में अनुभवी सब इंस्पेक्टर देवराज, ASI मोहनलाल, कांस्टेबल विकास, कांस्टेबल राजेंद्र तथा महिला कांस्टेबल बबली शामिल थी।

घटना की हर पहलुओं पर सूक्ष्मता पूर्वक पड़ताल के बाद पुलिस टीम का शक बेबी पर गया, जो पहले वज़ीरपुर जेजे कॉलोनी में रहती थी। वह घटना के समय राबिया के घर के पास देखी गई थी। इस शक के आधार पर पुलिस टीम ने बेबी के बारे में जानकारियां एकत्र की। पता चला कि वह राजस्थान के चुरू इलाके में बनवारी नामक एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रहती है।

उपर्युक्त जानकारी के बाद पुलिस टीम ने बेबी के चुरू स्थित घर पर दबिश दी, तो राबिया वहां सकुशल मिल गयी।

पुलिस टीम ने राबिया को बरामद कर बेबी और बनवारी को हिरासत में ले लिया। फिर इन दोनों से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, तो दोनो जल्द टूट गए। इन्होंने राबिया के अपहरण की बात स्वीकार कर ली। अपराध स्वीकारोक्ति के साथ ही बेबी व बनवारी को पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

पहले पति को छोड़कर बनवारी के साथ रहने वाली बेबी ने पूछताछ में बताया कि वह ऑपरेशन की वजह से संतान को जन्म दे पाने में असक्षम थी। जबकि बनवारी बच्चा चाहता था।

बकौल बेबी, उसने बनवारी की खुशी की खातिर इस वारदात को अंजाम दिया। वह राबिया को चुराकर अपने घर ले आई, और बनवारी को असलियत बता दी थी।

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