दिल्ली: क्राइम ब्रांच के ACP अरविंद कुमार की टीम ने खोला 70 लाख की चोरी का राज़

नई दिल्ली। दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में पिछले दिनों घटित बहुचर्चित ’70 लाख चोरी कांड’ का खुलासा हो गया है। यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की रोहिणी -सेक्टर 18 स्थित SOS – 2 (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वाड) की टीम को। बता दें कि यह घटना कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बनी रही थी। ऐसे में निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
मामले में पुलिस टीम के हत्थे चढ़े आरोपी याक़ूब हसन उर्फ छोटू का नाम दिल्ली के प्रमुख कबाड़ियों में शुमार है। यह इतना शातिर है कि सफेदपोश का चोला ओढ़कर बेहद ही शातिराना अंदाज़ में कबाड़ की आड़ में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था। लेकिन पुलिस व इसके आसपास के लोगों को इसके इस गोरखधंधे की भनक तक नही लगी थी।

(दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के ACP अरविंद कुमार)
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वाड) के ACP अरविंद कुमार के निर्देशन तथा तेज-तर्रार इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृव में गठित एक विशेष पुलिस टीम ने याक़ूब को उसके घर से गिरफ्तार किया है। इसके पास से एक मारुति कार के अलावा उक्त रकम की भी बरामदगी हो गई है, जो वारदात के बाद हिस्से के इसे मिले थे। इस पुलिस टीम में हेड कांस्टेबल अजय, हेड कांस्टेबल रवि खारी, कांस्टेबल आज़ाद व अशोक के अलावा कई अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे।

(क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सतीश कुमार)
वारदात की कहानी इस प्रकार सामने आई –
आजादपुर इलाके में ‘पालकेम प्राइवेट लिमिटेड’ में काम करने वाले धान सिंह का काम मार्किट से कंपनी का कलेक्शन लाने का था। वह जब भी कलेक्शन के लिये जाता, मोटी रकम कलेक्शन कर लाता था। कंपनी मालिक भी उसपर बेहद भरोसा करते थे। वहीं धान सिंह और याक़ूब में गहरी दोस्ती थी। यह दोनों जब साथ बैठकर शराब पीते, तो याक़ूब उसे अक्सर समझाता कि जब मोटी रकम ज्यादा हो, तो फरार हो जाओ। फिर कहीं दूर जाकर अपना कोई अच्छा धंधा कर लेना। कहां नौकरी के चक्कर मे पड़े हो। नौकरी से पेट भरने के अलावा तुम्हें कुछ नहीं मिलने वाला। यह सुनकर धान सिंह मुस्कुराकर यह जवाब देता, कि मेरा बहरहाल ऐसा इरादा नही है। सब कुछ ठीक चल रहा है। लेकिन याक़ूब ने उसपर दबाव जारी रखा। वह खुद वारदात में साथ देने को तैयार था।
इसी दौरान धान सिंह के साथ एक घटना घटी। एक दिन धान सिंह कंपनी का 70 लाख रुपया मार्किट से कलेक्ट कर वापस लौट रहा था, तो रास्ते मे मॉडल टाउन इलाके में लुटेरों ने रोककर उसके साथ लूटपाट की कोशिश की। प्रतिरोध करने पर लुटेरों ने उसपर जानलेवा हमला किया, जिसमे धान सिंह जख्मी हो गया। बावजूद धान सिंह रकम सुरक्षित लेकर लुटेरों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो गया।
धान सिंह की सोच थी, कि इसके एवज में कंपनी मालिक खुश होकर उसे जरूर अच्छा पारितोषिक देंगें। लेकिन कंपनी मालिक ने उसे सिर्फ एक टीशर्ट देकर संतोष कर लिया। इससे धान सिंह बेहद आहत हुआ और कंपनी मालिक के प्रति उसके दिल मे नफरत उभर आई। इसके अलावा उसे तीन लड़कियां थी, जिनकी शादी की चिता भी उसे अब सता रही थी। फिर धान सिंह ने निश्चय कर लिया, कि अब वह कलेक्शन का मोटी रकम एकत्र होने पर उसे लेकर भाग जाएगा। धान सिंह ने अपनी इस योजना के बारे में याक़ूब को भी बता दिया था।
घटना 27 अगस्त, 18 की है। धान सिंह कंपनी का मार्किट से 70 लाख रुपया कलेक्ट कर याक़ूब की दुकान पर पहुंचा और उससे रकम लेकर फरार कराने में सहयोग की मांग की। याक़ूब फौरन राज़ी हो गया। फिर याक़ूब ने उसे अपनी मारुति कार में नैनीताल छोड़ दिया था। इसके एवज में धान सिंह ने उसे चार लाख रुपये दिए थे।
उधर रकम लेकर फरार हो जाने पर कंपनी मालिक ने मॉडल टाउन थाने में धान सिंह के खिलाफ इस बाबत मुकदमा दर्ज करा दिया था।
बहरहाल धान सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का प्रयास जारी है।

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