नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले ‘किसान क्रांति पदयात्रा’ दिल्ली के किसान घाट पहुंचकर बुधवार को देर रात को खत्म हो गई। देर रात एक बजे दिल्ली पुलिस ने किसानों को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट या किसान घाट जाने की अनुमति दे दी। आधी रात में यूपी गेट पर लगाए गए बैरिकेड हटा लिए गए। पुलिस ने पैदल किसानों को बसों में भरकर चौधरी चरण सिंह के स्मृति स्थल किसान घाट तक भेजने का प्रबंध किया। जहां पहुंचकर किसानों ने आंदोलन को खत्म किया।
दिल्ली के किसान घाट जाने की अनुमति मिलने की ख़बर सुनकर किसान खुशी से नाचने लगे। अपने प्रोटेस्ट के आगे सरकार को झुकते देख किसान ने ट्रैक्टरों में भरकर किसान घाट की तरफ कूच किया। हजारों की संख्या में ट्रैक्टर, टेम्पो और गाड़ियों में सवार किसान अक्षरधाम को पार करते चले गए। देर रात करीब 1 बजकर 45 मिनट में हजारों की संख्या में किसान राजघाट से होते हुए किसान घाट पहुंचें।
यहां पर भी भारी पुलिस बल तैनात था। करीब 3 बजे किसान घाट पहुंचकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की, जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मांगीं और सरकार के रवैये से बेहद निराश है। वहीं, किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे दिए गए समय पर पूरा करें वरना दिल्ली दूर नहीं है।
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