छोटे दलों व संगठनों का बिहार में बदलाव के लिए व्यापक रणनीति

नयी दिल्ली(एजेंसी)। बिहार में चुनावी आहट के बीच छोटे दलों एवं सामाजिक संगठनों ने बदलाव के लिए आज व्यापक रणनीति बनाई एवं बिहार कूच अभियान को हरी झंडी दी।
इस बैठक में कई अहम् मसलों को अंतिम रूप दिया गया एवं जिम्मेदारियां तय की गयी। बैठक में शामिल हस्तियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया।
इस अभियान से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों सर्वश्री कुमार समत, विवेकानंद चौधरी एवं श्रीमती सारिका झा, मिथिला आंदोलनकारी विजय झा आजाद, जे एंड के पैंथर्स पार्टी के नेता राजीव ख़ौसला और एनडीपीएफ के बाबू मुन्ना एवं सुलतान कुरैशी ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि जिन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई उनमें हाईटेक एवं डोर टू डोर प्रचार के जरिये कृषि, चिकित्सा,शिक्षा, रोजगार जैसे बुनियादी मसलों के अलावा राज्य में सुशासन की स्थापना, बिहार काऔद्योगिकरण, पलायनवाद से मुक्ति, पृथक मिथिला राज्य की स्थापना,भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने एवं मध्य बिहार को पेय जल संकट से मुक्ति के मसले को प्राथमिकता से उठाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि अभियान से जुड़े दो व्यक्ति अगले सप्ताह पटना में कुछ प्रमुख दलों के नेताओं से बात करेंगे और सहमति बनी, तो मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने बताया कि आदर्श मिथिला पार्टी के संस्थापक डॉ.धनाकर ठाकुर के मुताविक मिथिलावादी पार्टियां लगभग 50 से अधिक सीटों पर नाम तय कर चुकी है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बार बिहार को बड़े भाई और छोटे भाई के तीस वर्षों के कुशासन से मुक्ति मिल जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रचार अभियान के लिये जल्द ही राज्य के चार स्थानों पर कंट्रोल रूम काम करने लगेगा।
श्री चौधरी ने कहा कि हमारा किसी रणनीतिकार एवं सत्ता के दलालों से कोई सरोकार नहीं है और हम जमींन पर काम करने वाले लोग हैं। हम इस वार दिखाएंगे कि सीमित संसाधनों में हाईटेक चुनाव कैसे लड़ा जाता है।