दिल्ली: 76 गुमशुदा मासूम को ढूंढ कर उनके घर को ‘चिराग’ से रोशन करने वाली दिल्ली पुलिस की महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका को बारी से पहले तरक्की

नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के समयपुर बादली थाने में तैनात फ़र्ज़ व इन्सानियत की जीवंत मिशाल महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका को गुमशुदा 76 से ज्यादा बच्चों, जिसमे 56 बच्चे 14 वर्ष से कम उम्र के थे, ट्रेस कर लेने पर बारी से पहले तरक्की (OTP) देने की घोषणा की है।

SHO इंस्पेक्टर आशीष दुबे

बता दें कि कर्तव्यनिष्ठा की मिशाल हेड कांस्टेबल सीमा ढाका दिल्ली पुलिस की पहली महिला पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें गुमशुदा बच्चों का पता लगाने पर आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन दिया गया है। यह भी जानकारी के लिये बता दें, कि यह गुमशुदा बच्चे सिर्फ दिल्ली के नही, बल्कि अन्य राज्यों पंजाब व वेस्ट बंगाल से भी थे।

महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव द्वारा गुमशुदा बच्चों की तलाश में इजाफा के लिये 5 अगस्त, 2020 को एक ‘आकर्षक प्रोत्साहन योजना’ की शुरुआत की गई थी। इस प्रोत्साहन योजना के तहत घोषणा की गई थी, कि दिल्ली पुलिस का जो भी कांस्टेबल/हेड कांस्टेबल 14 साल से कम उम्र के बच्चे, जिसमे 15 बच्चे 8 साल से कम उम्र के हों, ऐसे 50 या 50 से ज्यादा गुमशुदा बच्चों की तलाश की प्रक्रिया में एक साल के अंदर सफल होगा, उसे बारी से पहले तरक्की दी जायेगी। इसके अलावा यह भी घोषणा हुई थी, कि ऐसे 15 गुमशुदा बच्चों को एक साल के अंदर जो पुलिसकर्मी पता कर पाने में सफल होंगे, उन्हें ‘असाधारण कार्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा।
गुमशुदा बच्चों की तलाश में इस प्रोत्साहन योजना का परिणाम बेहद सार्थक साबित हुआ। इससे गुमशुदा बच्चो की बरामदगी में काफी बड़ा बदलाव आया। ज्यादा से ज्यादा गुमशुदा बच्चों का पता लग पाया। बता दें कि योजना शुरुआत माह अगस्त में ही 1440 गुमशुदा बच्चों का पता लग गया। जबकि गुमशुदा बच्चों की संख्या 1222 थी, जो बरामद बच्चों से कम थी। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अगस्त से पहले जो बच्चे लापता हुए थे, उनकी भी ट्रेस हुई। जाहिर है, यह सफलता ‘आकर्षक प्रोत्साहन योजना’ के तहत संभव हो पाया था। पुलिस ने खोए हुए बच्चो के परिवार में सिर्फ खुशियां ही नही लौटाया, बच्चों को शोषण से भी बचाया।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव व सीमा ढाका

बता दें कि समयपुर बादली थाने के SHO इंस्पेक्टर आशीष दुबे के मार्गदर्शन व महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका के नेतृत्व में बरामद गुमशुदा इन 76 बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्ज थी, जिन्हें हेड कांस्टेबल सीमा ढाका दिल्ली सहित अन्य राज्यों से कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाल पाने में सफल हुई।