दिल्ली: डेढ़ सौ युवतियों को ब्लैकमेल करने वाला ‘लंपट रंगीला’ गिरोह का मास्टरमाइंड सहयोगी के साथ गिरफ्तार, जहांगीरपुरी थाने के इंस्पेक्टर वरुण दलाल की टीम की कामयाबी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने करीब डेढ़ सौ युवतियों की फ़ोटो से छेड़छाड़ कर, रुपयों की खातिर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले ‘लंपट रंगीला गिरोह’ के सरगना शोएब अख्तर उर्फ लंपट रंगीला को गिरोह के एक अन्य प्रमुख सहयोगी नसीमुल अख्तर के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दोनो आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल दो लैपटॉप, चार मोबाइल फोन व विभिन्न कंपनियों के कई सिम कार्ड की बरामदगी के साथ, इनके बैंक अकाउंट में 22 लाख रुपये भी जमा मिले हैं, जो इन्होंने ब्लैकमेलिंग से उगाही करे थे। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
यह कामयाबी मिली है, जहांगीरपुरी थाने के SHO इंस्पेक्टर सुरेंद्र संधू के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर (ATO) वरुण दलाल के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में तेज-तर्रार PSI आशीष कुमार यादव व अनुभवी कांस्टेबल अमरजीत शामिल थे। पुलिस टीम ने इस गिरोह का खुलासा किया। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।
पकड़े गए दोनो शातिर ब्लैकमेलरों में गिरोह सरगना 20 वर्षीय शोएब अख़्तर उर्फ लंपट रंगीला, पुत्र अब्दुल अली, निवासी तन्हारी अभोर, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल ने ग्राफिक डिजाइनिंग का डिप्लोमा कोर्स कर रखा है। जबकि 21 वर्षीय नसीमुल अख्तर, पुत्र अनमूल हक़, निवासी तन्हारी अभोर, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल भी अच्छा पढ़ा-लिखा है। वहीं गिरोह का एक सक्रिय सदस्य जब्बार अबतक फरार है। जब्बार की गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम का प्रयास जारी है।
हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार उपर्युक्त आरोपियों से बरामद दोनो लैपटॉप में 3000 हजार से ज्यादा युवतियों की फोटो मिले हैं। जबकि इनमें 500 फोटो से छेड़छाड़ हुई, ऐसी खबर है।

इंस्पेक्टर वरुण दलाल (कुशल नेतृत्व)

बता दें कि गिरोह सरगना शोएब अख्तर पहले गुरुग्राम में एक फाइनेंस कंपनी में काम करता था। लॉक डाउन के दौरान इसे नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद से यह ब्लैकमेलिंग के धंधे में संलिप्त था। शोएब अख्तर जिस कंपनी में काम करता था, वह कैशबीन नाम की ऐप आधारित कंपनी से जुड़ी थी। बता दें कि कैशबीन ऐप पर लोग सदस्य बनते हैं, जहां उन्हें आसानी से लोन आदि मिल जाता है। जब शोएब अख्तर नौकरी से निकाला गया, तो उसके पास एक लाख से अधिक लोगों का डाटा था। इसी का इस्तेमाल वह ब्लैकमेल में करता था।

गोरखधंधा उजागर हुआ कैसे?

पेशे से एयरहोस्टेस एक पीड़िता ने 20 नवंबर को जहांगीरपुरी थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार कोई अज्ञात शख्स उसकी फोटो से छेड़छाड़ कर, उसे व्हाटसअप पर भेजकर उससे 20 हजार रुपयों की लगातार डिमांड कर रहा था व रुपये न देने पर फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दे रहा था।

गिरफ्तार दोनो आरोपी

मामले की गंभीरता को देखते हुए उपर्युक्त शिकायत को जहांगीरपुरी थाने के इंस्पेक्टर वरुण दलाल ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद इंस्पेक्टर वरुण दलाल अपनी टीम के साथ घटना की हर पहलुओं पर बारीकी पूर्वक पड़ताल के बाद आखिरकार मामले के खुलासे में सफल हुए।
बहरहाल पुलिस तफ्तीश जारी है।