नई दिल्ली। दुनिया की नंबर 1 पुलिस बल ‘स्कॉटलैंड पुलिस’ के समकक्ष खड़ी ‘दिल्ली पुलिस’ का अतीत से वर्तमान तक का इतिहास रहा है, यह सभ्य समाज के लिये ‘दिल की पुलिस’ है। वहीं दशहतगर्दों व अवांछनीय तत्वों के लिए आतंक का दूसरा नाम। शायद यही वजह राजधानी वासियों के लिए गर्व का अहसास ‘दिल्ली पुलिस’ के बारे में कहा जाता है, ‘दिल की पुलिस, दिल्ली पुलिस।’
राजधानी की सुरक्षा व अमन-चैन के लिए सदैव संकल्पित ‘दिल्ली पुलिस’ की एक विशेष खासियत है, जनता व शिकायतकर्ता के साथ दोस्ताना संबंध रखना। संभवतः इसके पीछे की मुख्य वजह यह है, कि सभ्य जनता किसी भी परेशानी में बिना किसी भय या संकोच के सीधा पुलिस के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करने से न झिझके व सभ्य समाज की रक्षा में दिल्ली पुलिस के साथ भागीदार बने।
इसके अलावा 24 घंटे जन हिफाजत में उपलब्ध थाने व अन्य यूनिट के पुलिसकर्मी मानसिक तनाव से मुक्त रहकर, विपरीत परिस्थिति में भी सहजता व सकारात्मक तरीके से अपनी ड्यूटी का ईमानदारी व निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें, इसके लिए इनकी हर मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाता। साफ-सुथरा टॉयलेट, स्वच्छ भोजन, योगा, साफ-सफाई व फुर्सत के समय शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम व खेल की भी व्यवस्था है। इसके अलावा यदि किसी शिकायतकर्ता के पास शिकायत देने के लिए कागज या कलम नही, तो थाना में भी सभी उपलब्ध हैं।
बता दें कि उपर्युक्त खासियतों की वजह से इस बार दिल्ली पुलिस की 74 वें ‘राइजिंग डे’ पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली पुलिस के तीन थानों – Ps करोल बाग, Ps सीलमपुर व Ps मोतीनगर को क्रमशः नंबर 1, नंबर 2 व नंबर 3 बेस्ट थाने का अवार्ड दिया गया।
बता दें कि उपर्युक्त तीनो थानों को अलग-अलग मापदंडों के आधार पर साल 2020 की रैंकिंग में सबसे उपर पाया गया है।
सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन का सम्मान करोल बाग थाने को मिला। इस थाने के थानाध्यक्ष (SHO) मनिन्दर सिंह ने पदक प्राप्त किया। बता दें कि बीती वर्ष करोलबाग थाने में दर्ज 93 प्रतिशत मामले हल हुए। वहीं मालखाना व Bar Coding में मौजूद सामान की उपलब्धता सौ प्रतिशत रही। इसके अलावा थाने का अनुशासन भी श्रेष्ठ रहा। जनता के दिल मे इस थाने के प्रति भरोसे की सबसे बड़ी मिशाल यह है, कि करोल बाग थाने के SHO इंस्पेक्टर मनिन्दर सिंह व इनके अधीनस्थ के खिलाफ वर्ष, 2020 में कोई शिकायत नही मिली।