अखिल गोगाई सहित कृषक संग्राम समिति के सभी नेताओं को बिना शर्त रिहा करे असम सरकार

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से संयोजक वी. एम. सिंह की अध्यक्षता में 9 दिसंबर को सम्पन्न हुई। बैठक में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वस्य समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, कृषक मुक्ति संग्राम समिति के किसान नेता अखिल गोगई को राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत 1 वर्ष के लिए कैद करने की भाजपा की असम सरकार की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए तत्काल बिना शर्त रिहा करने की मांग की गई।
कार्यकारिणी ने 23-24 जनवरी को गौहाटी में अखिल गोगई की रिहाई के लिए रैली करने की घोषणा की जिसमें समिति के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे ।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वस्य समिति ने मानव अधिकार दिवस पर जारी किए गए बयान में कहा है कि अखिल गोगई पर कार्यवाही असम के शक्तिशाली किसान आन्दोलन को कुचलने की दृष्टि से राजनीतिक विद्वेषतावश इसलिए की गई है ताकि अखिल गोगई द्वारा उठाये जा रहे भ्रस्टाचार और किसानों मज़दूरों के मुद्दों को दबाया जा सके ।
समिति ने असम सरकार द्वारा सांसद राजू शेट्टी और पूर्व विधायक डॉ सुनीलम को डिब्रूगढ़ जेल में अखिल गोगई से नही मिलने देने को बंदियों के मानवाधिकारों का हनन बताते हुए देश में लोकतंत्र और मानव अधिकारों में विश्वास रखने वाले नागरिकों और संगठनों से अखिल गोगई की रिहाई के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की अपील की है। एआईकेएससीसी की कार्यकारणी ने अखिल गोगई की रिहाई को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने के लिए बनाई जा रही राष्ट्रीय अभियान समिति में शामिल होने का निर्णय लिया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने असम में हुए पुलिस गोलीचालन की उच्च न्यायालय के न्यायधीश से जांच कराने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि असम के गौहाटी शहर में पंजाबारी में  असम पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के दौरान बिना चेतावनी के पुलिस गोली चालन किया था जिसमें किसान मुक्ति संग्राम समिति द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन में शामिल महिला मालती दास, अमीना खातून, रशीदा अहमद गम्भीर रूप से घायल हुई थी। पुलिस कार्यवाही में कुल 76 कार्यकर्ता घायल हुए थे। कृषक संग्राम समिति के प्रमुख नेता वेदांता लश्कर, ध्वज कुंवर और गोपी सैकिया को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें अबतक रिहा नहीं गया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वस्य समिति ने अखिल गोगई सहित  सभी नेताओं को रिहा कर फ़र्ज़ी मुकदमे वापस लेने की मांग की है। समिति ने जारी बयान में कहा है कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध को पुलिस गोलीचालन से कुचला जाना तानाशाहीपूर्ण कदम एवं मानव अधिकारों का हनन है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए असमवासियो से अखिल गोगई की बिना शर्त रिहाई के लिए बढ़-चढ़ कर आंदोलन करने की अपील की है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने गोली चालन के दोषी अधिकारियो पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने, घायल परिवारों को 25 लाख  रुपये का मुआवजा देने की मांग करते हुए तत्काल असम के मूलनिवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को स्थाई तौर पर रोकने की मांग की है। असम के मूलवासी नदियों में बाढ़ आने और कटाव के कारण अपने गांव से विस्थापित होकर गौहाटी आये हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वस्य समिति ने असम के मूलवासियों के स्थायी सम्पूर्ण पुनर्वास की मांग की है। वी एम सिंह (संयोजक), हन्नान मौला, राजू शेट्टी, योगेंद्र यादव, राजाराम सिंह, मेधा पाटकर, अविक साहा (संगठन सचिव), ऐय्याकन्नू, कविता कुरुघंटी, प्रतिभा शिंदे, किरण विस्सा, कोडिहल्ली चंद्रशेखर, डॉ दर्शनपाल, डॉ आशीष मित्तल, डॉ सुनीलम बैठक में शामिल हुए।

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