दिल्ली: जरूरतमंदों के राशन में सेंध का आरोप!

नई दिल्ली। देशभर में चल रहे लॉक डाउन में केंद्र और राज्य सरकारें लोगो के हित के लिए हर भरसक प्रयास कर रही है। और दिल्ली सरकार भी अपने नागरिकों को तैयार खाने से लेकर सूखा राशन तक मुफ्त दे रही है। लेकिन दिल्ली के मंगोल पूरी के एक सरकारी स्कूल में बिना राशन कार्ड धारकों को जो राशन दिल्ली सरकार की तरफ से दिया जा रहा है, उसमे भी कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए ऐसे गरीब लोगों के हक में भी सेंध लगाने का घिनौना काम करने से बाज नही आ रहे।
यहां राशन लेने वाले स्थानीय लोगो ने आरोप लगाया है कि उन्हें कम राशन दिया जा रहा है। जिसका लोगो ने जमकर विरोध किया।
दिल्ली सरकार दिल्ली में रहने वाले लोगो के लिए खासतौर से गरीब जनता की मदद करने के मकसद से सरकारी स्कूलों में हंगर सेंटर्स बनाकर उनके पेट भरने की व्यवस्था की हुई है। साथ ही पिछले कई दिनों बिना राशन कार्ड धारकों को सरकार की तरफ से राशन दिए जाने का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन दिल्ली के मंगोलपुरी स्थित के ब्लॉक के एमसीडी प्राइमरी स्कूल से मिलने वाले राशन को लेकर वहां के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें तय सीमा से कम राशन दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने ऐसे लोगों को प्रति व्यक्ति 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल देने की घोषणा कर रखी है। जबकि यहां पर राशन लेने वाले लोगों ने आरोप लगाया की उन्हें कम राशन मिल रहा है। जिसे लेकर यहाँ राशन लेने वाले लोगो ने हंगामा किया। साथ ही लोगो का आरोप है कि यहां काम राशन देने वाले एक व्यक्ति ने लोगो को गंदी गंदी गालियाँ तक दी और भिखारी बोलकर लोगो की गरीबी का मज़ाक तक उड़ाया। इतना कुछ हो जाने के बाद मंगोल पूरी थाना पुलिस मोके पर पहुँची। लेकिन न तो यहाँ स्थानीय MLA या उनका कोई व्यक्ति यहां आया और न ही दिल्ली सरकार के किसी अधिकारी ने यहां आकर लोगो की बात सुनी।
वहीं जब इस मामले पर इस हंगर सेंटर की इंचार्ज जोकि इसी स्कूल की प्रिंसिपल हैं, ने सभी आरोपो को सिरे से नकार दिया और कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं उन्होंने ऑफ कैमरा बताया कि वो एक छोटी बाल्टी से गेँहू और एक छोटे मग से अंदाज़न माप कर लोगो को राशन दिया जा रहा है। अब ऐसे में एक तरफ लॉक डाउन की मार जेल रहे गरीब लोग दाने दाने को मोहताज़ हो रहे हैं। वहीं कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे जरूरतमंद और गरीब लोगों का हक मारने में भी कोई गुरेज नही कर रहे। अब जरूरत है कि ऐसे लोगो के खिलाफ प्रशासन सख्त से सख्त कार्यवाही करें, ताकि गरीब जनता को उसका असली हक मिल सके।