दिल्ली: चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध कराने के नाम पर सौ से ज्यादा जरूरतमंदों से करीब एक करोड़ की ऑनलाइन ठगी कर चुके अन्तर्राज्यीय गिरोह का मास्टरमाइंड धरा गया, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (IGIS) के ACP गिरीश कौशिक की टीम की कामयाबी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मेवात इलाके से संबद्ध साइबर अपराधियों के एक ऐसे अन्तर्राज्यीय गिरोह का खुलासा किया है, जो कोरोना कहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मशीन व अन्य आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध कराने के नाम पर अबतक सौ से ज्यादा जरूरतमंद लोगों से करीब एक करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी कर चुका था। मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड 25 वर्षीय इमरान को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी से वारदात में इस्तेमाल पांच मोबाइल फोन की बरामदगी के साथ, इससे दिल्ली के छह मामलों के अलावा अन्य राज्यों के कुछ मामलों के खुलासे की खबर भी आ रही है। निःसंदेह यह पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
यह कामयाबी मिली है दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की IGIS (इंटर-बॉर्डर गैंग्स इन्वेस्टिगेशन स्क्वाड) के ACP गिरीश कौशिक व इंस्पेक्टर (अब ACP) रिछपाल सिंह के संयुक्त निर्देशन व इंस्पेक्टर संजय कुमार के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर अर्जुन छिकारा, सुभाष चंद, महावीर सिंह, ASI ब्रजलाल, मुकेश, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र, धर्मराज, प्रवीण कुमार, कांस्टेबल मिंटू व श्याम सुंदर शामिल थे। पुलिस टीम ने इस गिरोह का खुलासा किया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।

ACP गिरीश कौशिक

पकड़ा गया गिरोह का मास्टरमाइंड 25 वर्षीय इमरान, पुत्र शिराजुद्दीन मूल रूप से गांव कुराली, थाना रोज़क मेयो, जिला नूह, मेवात (हरियाणा) का रहने वाला है।
बता दें कि यह गिरोह दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में कोरोना मरीज के परिजनों से ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मशीन व अन्य चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध कराने की बात कहकर ऑनलाइन ठगी में संलिप्त था। इस बाबत गिरोह के शिकार छह पीड़ितों की शिकायत पर दिल्ली के विभिन्न थानों में इस बाबत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
बहरहाल पुलिस टीम की तफ्तीश जारी है। मामले के कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम का प्रयास जारी है।