दिल्ली सरकार के स्वरोजगार योजना में परिवहन विभाग में कमजोर नियमों के कारण ऑटो परमिट ट्रेडिंग किया जा रहा है। सरकार के परिवहन विभाग के सरंक्षण में डीलरों और एजेंटों की साठगांठ से परमिट की ट्रेडिंग धड़ल्ले से हो रही है। आज आलम यह है कि एक LOI/फ्रेश परमिट जो सरकार ने ऑटो ड्राइवर को स्वरोजगार योजना के अंतर्गत दिया था उसे ब्लैक मार्किट में ₹3,15,000/- से ₹3,25,000/- में बेचा जा रहा है। खुलेआम परमिट की ट्रेडिंग के कारण ₹188000 का ऑटो लगभग ₹525000 में बेचा जा रहा है और सरकार सब कुछ जानते हुए भी चुप है।
ज्ञात हो की 16.12.1997 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने “M.C. MEHTA V/S UNION OF INDIA” केस में कहा था की परमिट ट्रेडिंग अपराध है और यह पेटेंट का उलंघन है ऐसे परमिट को कैंसिल करना चाहिए और परमिट ट्रेडिंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए I
स्वराज इंडिया के लीगल सेल के एडवोकेट सदस्य सुशील कुमार झा द्वारा दायर याचिका पर माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को 10000 ऑटो देने का निर्देश दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने नए ऑटो लाइसेंस देने की प्रकिया शुरू की पर परमिट ट्रेडिंग के कारण यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
परमिट ट्रेडिंग के कारण एक तरफ काले धन का प्रयोग हो रहा है तो दूसरी तरफ ऐसे ऑटो ड्राइवर दिल्ली की सड़कों पर ऑटो का चालन कर रहे है जिनके पास लीगल बैच और लाइसेंस तक नही है। इस कारण पात्रता योग्य चालको को ऑटो का परमिट नहीं मिल पा रहा है।
स्वराज इंडिया के महासचिव नवनीत तिवारी ने तमाम अनियमितताओं का खुलासा करते हुए बताया कि बुराड़ी ट्रासंपोर्ट अथॉरिटी में वीआईपी ट्रांसफर के नाम पर अवैध रूप ऑटो के लाइसेंस ट्रांसफर किये जा रहे है। उन्होंने ने बताया कि कैसे एक मृत व्यक्ति छोटे लाल जिसकी मृत्यु 2011 में ही हो गयी थी और जिसके नाम एक ऑटो DL1RG-0504 था उस ऑटो को बुरारी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के MLO राजेश कुमार मीना के कार्यकाल में वहां काम करने वाले दलाल, एजेंट्स एवं फाइनेंस माफिया की मिली भगत से उस गाडी को 2016 में किसी अन्य आदमी के नाम गैर क़ानूनी तरीके से ट्रांसफर कर दिया गया। आश्चर्य की बात यह है की मरे हुए परमिट होल्डर की फाइल सेफ कस्टडी से निकाली गयी, नकली व्यक्ति को छोटे लाल (जिसका देहांत 2011 में हो गया था) बना कर सन 2016 में MVI के समक्ष पेश कराया गया, कंप्यूटर रिकॉर्ड में गैर क़ानूनी तरीके से लॉक खोला गया, और गाडी ट्रांसफर कर रिप्लेसमेंट स्कीम के तहत नया ऑटो परमिट उस व्यक्ति को दे दिया गया जिसके नाम पर धोखाधड़ी से छोटे लाल का ऑटो परमिट ट्रांसफर किया गया था और इस तरह से परमिट की ट्रेडिंग की गयी । इसी तरह से सैकड़ों मामलों दिल्ली के बुराड़ी ऑथोरिटी में हुए है। जिसे लोकल भाषा मे वीआईपी ट्रासंफर के नाम से जाना जाता है।
पार्टी सचिव सुरेंद्र कोहली ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि बुराड़ी ऑथोरिटी में किये गए अवैध ट्रांसफर की गंभीरता से जांच की जाये और दोषियों पर सख्त कार्यवाही किया जाए।
स्वराज इंडिया मांग करता है कि इस अवैध परमिट ट्रेडिंग को रोकने के लिए सरकार सेल्फ ड्राविंग स्कीम लागू करे। सरकार सेल्फ ड्राइविंग स्कीम और किसी विपरीत परिस्थियों में ऑथॉरिज़ेड पर्सन्स की स्कीम लागू कर दे स्वतः ही परमिट ट्रेडिंग रुक जाएगी।
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