दिल्ली: नॉन-इंश्योर्ड वाहन से हादसा होने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जिस वाहन से दुर्घटना हो, उसे बेचकर दिया जाए मुआवज़ा

नई दिल्ली। बिना इंश्योरेंस वाहन से दुर्घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। दुर्घटना में शामिल बिना इंश्योरेंस के वाहन को बेचा जाए और उस राशि से पीड़ित को मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सारे राज्य 12 हफ्ते में इस नियम को लागू करें।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसे वाहन अब दुर्घटना के बाद जब्त होंगे और एमएसीटी कोर्ट इन वाहनों को बेचेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एक ऐसे ही मामले में ये निर्देश जारी किए हैं। याचिकर्ता ऊषा देवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि इस तरह का नियम दिल्ली MACT एक्ट में बनाया गया है, लेकिन बाकी राज्यों में ये नियम नहीं है।

यदि किसी वाहन का बीमा नहीं है और दुर्घटना हो जाती है तो उससे पीड़ित या उसके परिवार को वित्तीय मदद नहीं मिलती। ऐसे में ये नियम सभी राज्यों के लिए होने चाहिए। आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में आदेश दिया था कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया। दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है।

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  1. Viveknand chaudhary is a seasoned journalist in the crime journalism….and undoubtedly he is always enlightening the people with latest and effective news in a shortest span of time… Kudos… Congratulations.

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