दिल्ली(भारत बंद): आंदोलनकारी किसानों व केंद्र सरकार के बीच अगली दौर की बातचीत कल

– प्रीति चौधरी/उषा/अपर्णा

नई दिल्ली(एजेंसी)। केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद का आज व्यापक असर रहा।
इस बंद में 400 से अधिक किसान संगठनों के अलावा 24 से अधिक राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रव्यापी बंद का सर्वाधिक असर उत्तर भारत में रहा। टायर जलाकर, रेल रोककर, धरना प्रदर्शन एवं सड़क जाम कर जगह जगह विरोध प्रकट किए गए। कई स्थानों पर बंद समर्थकों एवं पुलिस के बीच झड़पें भी हुई।
उधर दिल्ली में पिछले 13 दिनों से आंदोलनरत किसानों का सत्याग्रह जारी रहा। आंदोलनकारी किसानों एवं केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अगले दौर की बैठक कल होगी।धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी वे डटे रहेंगे।
बंद का सर्वाधिक असर पश्चिम बंगाल में रहने की खबर है।हालांकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश के किसान पहले से ही आंदोलित हैं तथा उन्हें इन राज्यों के विपक्षी दलों का निरंतर सहयोग मिल रहा है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के कार्यकर्ताओं ने भी आज के बंद में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
प्रसिद्ध समाजसेवी अरविन्द पाठक ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगें शीध्र पूरी करे।यह देश हित में होगा। किसान हमारे विधाता हैं। इन्हे नाराज करना कतई वर्दाश्त के लायक नहीं है। किसानों का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है।एल.एस।