-संमापन कार्यक्रम में बाबा और कागज दो फिल्में दिखाई गई जिसकी काफी प्रंशसा हुई।
– मैं कलकिंत नहीं नाट्य मंचन ने लोगों को अंदर से झकझोर दिया।
–मनोज पाल की दो फिल्म प्रकृति का कर्ज और द रियल गिफ्ट दर्शकों को लुभाया।
-महोत्सव के दूसरे दिन सोनू, मां, काजू की खेती, विष का प्रकाश, बर्थ डे गिफ्ट फिल्मों की रही धूम।
– द ब्लाइंड गेम, चेंजिंग द विंड, इंडोनेशिया की मूवी सोकोला रिम्बा, महापाप और द कोड फिल्में दिखाया गया।
-मैक्सिको की मूवी- नहुई ओलीन सन ऑफ मूवमेंट दिखाया गया।
-छह दिन तक चले वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव में 100 फिल्में दिखाई गई।
– 6 देशों की मूवी दिखाई गई।
-इजरायल कंट्री पार्टनर के रूप में अपना योगदान दिया
-वैदिक यज्ञ के साथ शुरु हुई थी वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव
-सेमिनार में खास तौर पर जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की।
-उतराखंड महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत खास तौर पर भाग लिया।
-हरिश रावत ने जल संरक्षण पर खास जोर दिया।
नईदिल्ली-
वैश्विक प्रकृति फिल्म के समापन समारोह में रंगारंग कार्यक्रम ने लोगों को मन जीत लिया। समापन समारोह में दो फिल्में दिखाई गई जिसकी खूब चर्चा हुई वह है बाबा और कागज। मांवलकर हॉल में कई नाट्य मंचन भी किया गया जिसमें कलकिंत मैं नहीं दर्शकों को झकझोर दिया। जिसे देखकर आज भी महिला सुरक्षा पर आम आदमी को सोचने को मजबूर कर दिया। गौरतलब है कि दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब के विभिन्न हॉल में 25 से 30 दिसंबर तक वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया। 25 दिसंबर को वैदिक यज्ञ के साथ इस फिल्म महोत्सव का उद्घाटन हुआ जिसमें इंद्रेश जी ने यज्ञ में शामिल होकर महोत्सव का शुभारंभ किया और अपनी शुभकामनाएं दी। उद्घाटन समारोह में अतिथियों को स्वागत करते हुए विश्व मित्र परिवार के संस्थापक और वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के संयोजक गुरू जी भू ने कहा कि आज के पीढ़ियों को तकनीक से बेहतरीन रूप से सीखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस फिल्म महोत्सव में अपनी मूवी दिखाने को उत्सुक हुए जिसमें हमने स्क्रीनिंग कर दिखाया जो खासकर प्रकृति संरक्षण और सामाजिक सरोकार पर आधारित रही। गुरू जी भू ने बताया कि प्रत्येक दिन मूवी दिखाने के साथ साथ सेमिनार का भी आयोजन किया गया जिसमें कई तरह विषयों खासकर पर्यावरण से संबंधित पर चर्चा हुई। वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव ऐतिहासिक पहल है जो विश्व में अपने आप में अलग तरह का आयोजन किया गया। इस खास महोत्सव में उत्तराखंड महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें खास तौर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शरीकत किया और उन्होंने खास तौर पर प्रदेश में जल संरक्षण के कई गुर भी बताए। और चिंता भी व्यक्त की आज परियोजना को तो बनाया जाता है लेकिन मानवीय हित को ध्यान नहीं रखा जाता। हमें इस ओर ध्यान दिया जाएगा। उत्तराखंड महोत्सव में खास तौर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कई वरिष्ठ कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन जीत लिया।
महोत्सव के पांचवें दिन गौ संरक्षण पर खास तौर पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें कई महात्मा ने भाग लिया। इस सेमिनार का विषय यज्ञ यानी योग, आयुर्वेद, गोविद्या याग का अनुसंधान रखा गया। महोत्सव का समापन 30 दिसंबर को रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ जिसमें फैशन शो का भी आयोजन किया गया। जो अपने आप में विशिष्ट था। इस खास महोत्सव में द रियल गिफ्ट, प्रकृति का कर्ज, सोनू, मां, काजू की खेती, विष का प्रकाश, बर्थ डे गिफ्ट, द ब्लाइंड गेम, चेंजिंग द विंड, इंडोनेशिया की मूवी सोकोला रिम्बा, महापाप, नहुई ओलीन सन ऑफ मूवमेंट और द कोड फिल्मों की धूम रही
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