पटना(बिहार)। मुजफ्फरपुर में ‘बालिका गृह यौन शोषण मामले’ में बुधवार को एक नया रूप ले लिया, जब एक बाल सुरक्षा अधिकारी की पत्नी ने समाज कल्याण मंत्री के पति पर गंभीर आरोप लगाया है।जिसके बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा।जिसकी चर्चा सदन के भीतर और बाहर सुनाई दिया। जिसके बाद दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया गया । मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौण शोषण मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं करने को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रह रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी सूचना दी गई है। इसमें कहा गया है कि मुजफ्फरपुर में बहुत ही घृणित घटना घटी है और पुलिस द्वारा इसकी मुस्तैदी से जांच की जा रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, किन्तु एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस सम्पूर्ण मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रहने वाली मासूम बच्चियों के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात के खुलासे के बाद से सूबे की सियासत में भूचाल आ गया है। विपक्ष इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी ।
वही आज बिहार विधानसभा में विपक्ष की ओर से हंगामा किया गया। मुजफ्फरपुर वाली घटना को लेकर राजद के सभी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया। मुजफ्फरपुर घटना को लेकर सीबीआई जांच हाईकोर्ट के मॉनिटरिंग में पूरी घटना की जांच कराई जाए।
वहीं राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि विपक्ष लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा था और केंद्र सरकार ने जांच को तैयार होने के बावजूद भी इतना देर से फैसला लिया गया कहीं ना कहीं सरकार इस पूरे मामले को निपा पोती करना चाहती है इसलिए सीबीआई के साथ-साथ हाईकोर्ट की मीटिंग में जांच कराई जाए।
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