दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(SIU) के हाथ आया ‘नैनी गिरोह’ का मास्टरमाइंड

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच(SIU) की टीम ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली व दक्षिण पूर्व दिल्ली में पिछले कई माह से सक्रिय ‘नैनी गिरोह’ के मास्टरमाइंड सहित तीन शातिर लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

बता दें कि इस शातिर आपराधिक गिरोह ने पिछले कुछ माह में लूट की ताबड़तोड़ वारदातों से दिल्ली पुलिस की नींद उड़ा दी थी। वहीं इस गिरोह से प्रभावित इलाकों नेहरू प्लेस, मोदी मिल, ओखला मंडी, ओखला, गोविंदपुरी, कालकाजी, कलिन्दीकुंज, जामिया, मूलचंद, महारानीबाग, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, सराय काले खां, मैडम भीकाजी कामा प्लेस में दशहत का माहौल व्याप्त था। सूत्र की माने, तो करीब एक दर्जन शातिर अपराधियों का यह गिरोह हाल के महीनों में दिल्ली के सर्वाधिक सक्रिय अपराधियों में प्रमुख था। गिरोह के सदस्य बेहद ही सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम देते थे। शायद यही वजह था कि दिल्ली पुलिस की हर कोशिश के बाद भी यह गिरोह अबतक पुलिस की नजरों से दूर था।

दक्षिण दिल्ली इलाके से गिरफ्तार तीनो शातिर अपराधियों की पहचान आशीष कुमार शर्मा उर्फ नैनी (24), पुत्र जितेंद्र कुमार शर्मा, निवासी बी-1/193, जेजे कॉलोनी, मदनपुर खादर (दिल्ली), त्रिलोक चंद उर्फ चिंटू (24), पुत्र अर्जुन सिंह, निवासी 1193, प्रथम तल,  फेज 3, जेजे कॉलोनी, मदनपुर खादर (दिल्ली) औऱ रफीक उर्फ लाला (24), पुत्र मोहम्मद जहांगीर, निवासी A-2/867, जेजे कॉलोनी, मदनपुर खादर (दिल्ली) के रूप में हुई है।

पकड़े गए आरोपियों से वारदात के दौरान इस्तेमाल एक टीएसआर (ऑटो रिक्शा) नम्बर ड़ीएल 1आरकिउ 8912 के अलावा 22 मोबाइल फ़ोन, 2 लैपटॉप, 1 कैमरा (डीएसएलआर) और 3 पावर बैंक की बरामदगी हुई है।

गिरोह के सदस्य वारदात के दौरान एक ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल करते थे। इनके निशाने पर थे राहगीर, जो सवारी वाहन के इंतजार में खड़े रहते। योजना के तहत गिरोह का एक सदस्य TSR की चालक सीट पर बैठा होता। जबकि दो सदस्य पिछली सीट पर सावधानी पूर्वक सवारी की तरह बैठे रहते। जब कोई सवारी इसमे बैठता, तो पिछली सीट पर बैठे गिरोह के दोनों सदस्य किसी बहाने बेहद अदब के साथ उस सवारी को अपने बीच में बैठा लेते। फिर थोड़ा आगे बढ़ने पर कहीं सुनसान जगह देखकर चाकू की नोक पर उस सवारी को लूट लेते थे। यह वारदात को अंजाम देने के बाद सवारी को धक्का देकर नीचे उतार देते। फिर TSR सहित मौके से फरार हो जाते थे।

राजधानी में हालिया हुए इस तरह की कई वारदातों से दिल्ली पुलिस का परेशान होना स्वाभाविक था। दरअसल हर संभावित कोशिश के बाद भी दिल्ली पुलिस को यह पता नही लग पा रहा था कि इन वारदातों के पीछे आखिर किस गिरोह का हाथ है?

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (SIU) के अनुभवी ACP संदीप लाम्बा ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। ACP संदीप लाम्बा ने गिरोह के जल्द खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच (SIU) के इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा के निर्देशन तथा तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर प्रभांशु व सब इंस्पेक्टर संतोष के संयुक्त नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। इस टीम में क्राइम ब्रांच के जांबाज पुलिसकर्मी ASI राजबीर सिंह, हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार, कांस्टेबल अमित कुमार, कांस्टेबल सतीश, कांस्टेबल कुलदीप, कांस्टेबल अनिल, कांस्टेबल शहजाद और कांस्टेबल अरविंद शामिल थे। पुलिस टीम ने हर संभावित पहलुओं पर पड़ताल के बाद आखिरकार गिरोह का खुलासा कर दिया। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।

सूत्र का कहना है कि गिरोह ने अबतक तकरीबन सौ वारदात किये हैं। जबकि करीब एक दर्जन वारदातों के खुलासे की खबर है। बहरहाल पुलिस तफ्तीश जारी है।

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