दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) की बड़ी कामयाबी, 5 करोड़ के हेरोइन के साथ ड्रग तस्कर बिशन गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने शातिर ड्रग सप्लायर बिशन सिंह उर्फ नटिया उर्फ अनिल गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद। इससे बरामद हेरोइन की कीमत अंतर्राष्टीय बाजार में 5 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है। ऐसे में इस ड्रग सप्लायर की गिरफ्तारी निःसंदेह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

ACP जितेंद्र झा


यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नकोटिक्स सेल) के ACP जितेंद्र झा के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को।
बता दें, पुलिस टीम के हत्थे चढ़ा यह वही आरोपी है, जो पहले भी अपना नाम और पहचान बदल कर 15 साल फरार रहा था। यह कितना शातिर है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते, कि यह लिप्त था ड्रग्स के धंधे में, लेकिन पुलिस की निगाह से बचने के लिए ठेकेदार और लेबर सप्लायर का काम कर रहा था।

इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र


खबर के अनुसार दिल्ली में नशे/मादक पदार्थ के कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ चलाए हुए अभियान के दौरान दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) के तेज-तर्रार ASI सुधीर कुमार को गुप्त सूचना मिली, कि बिशन सिंह नाम का व्यक्ति 31 जुलाई की शाम को राणा प्रताप स्कूल, रिठाला के पास किसी व्यक्ति को हीरोइन की सप्लाई करने आएगा।
इस सूचना पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) के ACP जितेंद्र झा के निर्देशन तथा अनुभवी इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम में सब इंस्पेक्टर अरविंद, ASI सुधीर कुमार, कांस्टेबल राजेन्द्र व राजेश शामिल थे।
पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उपरोक्त स्थान पर ट्रैप लगा कर बिशन सिंह को गिरफ्तार कर, उसके पास से 2 किलो हेरोइन की बरामदगी की। गिरफ्तारी के बाद बिशन सिंह के बताने पर आधा किलो हेरोइन और भी बरामद हुए। यानी आरोपी से कुल ढाई किलो हेरोइन की बरामदगी हुई, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 5 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है।
गिरफ्तार आरोपी बिशन सिंह इससे पहले भी हेरोइन सप्लाई करने के चार केस में गिरफ्तार हो चुका है। शुरूआती दिनों में बिशन सिंह अपने भाइयों के साथ शराब बेचता था। लेकिन कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में ड्रग्स के धंधे में शामिल हो गया और अपने साथियों के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में अन्य ड्रग्स सप्लाई करने वालों से संपर्क बना के नशा खरीद फरोख्त व बेचने का काम करने लगा।
1999 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक केस में सजा सुनाए जाने के दौरान यह कोर्ट से गायब हो गया था। उस वक्त बिशन सिंह जमानत पर था। भागने के बाद बिशन सिंह ग्वालियर चला गया और अपना नाम बदल कर अनिल गोयल रख लिया, ताकि पुलिस से बचा रहे। वहां उसने मिनी ट्रक ड्राइवर का काम करना शुरू कर लिया और 2 मिनी ट्रक भी खरीद लिया। उसने श्री नाथ ट्रांसपोर्ट के नाम से अपना ऑफिस भी खोल लिया और नए नाम और पहचान के साथ वहीं शादी भी कर ली थी। इस तरह बिशन सिंह 15 साल तक ग्वालियर में अपनी पहचान बदल के रहता रहा। सन 2014 में स्पेशल सेल द्वारा उसे ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया गया और कोर्ट से उसे 10 साल की सजा हुई। वर्ष 2016 में वह जेल से छूट कर आया और ठेकेदारी और लेबर सप्लाई का काम करने लगा। अपने इसी काम की आड़ में बिशन ने फिर से ड्रग सप्लाई का काम शुरू कर दिया था। लेकिन तमाम सावधानी रखने के बाद भी बिशन सिंह दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल के हत्थे चढ़ गया।
बिशन से मिली जानकारी से पुलिस नशे के कारोबार में शामिल अन्य लोगो की तलाश कर रही है।