दिल्ली: ब्यूटीशियन निकली शातिर ठग गिरोह की मास्टरमाइंड, दक्षिण दिल्ली स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर गिरीश कुमार की टीम ने धरा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस एक ऐसे अन्तर्राज्यीय शातिर महिला ठग/चोरनी गिरोह का खुलासा किया है, जिनके निशाने पर बुजुर्ग महिलाएं थी। गिरोह की मास्टरमाइंड एक महिला ब्यूटीशियन किरण राठौर थी, जो अपनी सगी बड़ी बहन आरती राठौर व एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर मदन के साथ दिल्ली एनसीआर सहित निकटवर्ती राज्यों में वारदात में संलग्न थी। उपर्युक्त तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस टीम की गिरफ्त में आरोपी

यह कामयाबी मिली है, दक्षिण दिल्ली स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर गिरीश कुमार के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर संजय, हेड कांस्टेबल संजय, कांस्टेबल योगेंद्र, अनूप, पुष्पेंद्र, विक्रम व महिला कांस्टेबल सीमा शामिल थी। पुलिस टीम ने इस गिरोह का खुलासा किया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।

इंस्पेक्टर गिरीश कुमार

राजधानी के सुल्तानपुरी इलाके से पुलिस टीम के हत्थे चढ़े अपराधियों की पहचान गिरोह की मास्टरमाइंड 25 वर्षीया किरण राठौर, पत्नी श्यामलाल सोलंकी, निवासी मकान नंबर C1-310, सुल्तानपुरी (दिल्ली), किरण राठौर की सगी बड़ी बहन 30 वर्षीया आरती राठौर, पत्नी दीपक सोलंकी उर्फ पीपी, निवासी मकान नंबर C1-310, सुल्तानपुरी (दिल्ली) और ऑटो रिक्शा ड्राइवर 59 वर्षीय मदन, पुत्र नंदलाल, निवासी मकान नंबर B3-287, सुल्तानपुरी (दिल्ली) के रूप में हुई है।
बता दें कि किरण राठौर व आरती राठौर, यह दोनो सगी बहने हैं और इन दोनों की शादी दो सगे भाइयों से हो रखी है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह दोनो बहनें, पति से अलग सुल्तानपुरी स्थित अपने पैतृक घर मे साथ रह रही थीं। वहीं वारदात में इनका पुरुष सहयोगी ऑटो रिक्शा ड्राइवर मदन लॉक डाउन के दौरान इस गिरोह से जुड़ा था। समाज व पुलिस की नजरों से बचने व अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिये गिरफ्तार दोनो महिला आरोपियों में किरण राठौर ब्यूटीशियन का काम करती थी। जबकि आरती राठौर कपड़े व्यवसाय में संलग्न थी।
यह गिरोह दिल्ली एनसीआर व निकटवर्ती राज्यों में सक्रिय था। गिरोह के सदस्य ऑटो रिक्शा में साथ अपने शिकार की तलाश में दूर-दराज तक घूमते थे। जब किसी अकेली बुजुर्ग महिला राहगीर पर इनकी नजर जाती, तो यह (गिरोह सदस्य) पहले उसे विश्वास में लेते। फिर गंतव्य तक छोड़ने का भरोसा देकर साथ ऑटो रिक्शा में बैठा लेते थे। इसके बाद रास्ते मे गिरोह के सदस्य पुलिस चेकिंग के बहाने शिकार से उसके पैसे व कीमती सामान एक रुमाल में लपेटकर रखवा लेते। फिर सावधानी पूर्वक शातिराना अंदाज में पीड़ित के रुमाल को बदल देते थे। पीड़ित शिकार को अपनी इस ठगी का अहसास तब होता, जब गिरोह सदस्य चंपत हो चुके होते।
यह वही गिरोह है, जिसने 25 दिसंबर, 20 को महरौली इलाके में एक 60 वर्षीया बुजुर्ग महिला को अपना निशाना बनाया था। गिरफ्तार तीनो आरोपियों से लॉकेट वाली एक सोने की चैन, वारदात में इस्तेमाल तीन मोबाइल फोन व वारदात में इस्तेमाल एक ऑटो रिक्शा की बरामदगी के साथ, करीब आधा दर्जन सनसनीखेज मामलों के खुलासे की खबर है। वहीं गिरफ्तार दोनो महिला आरोपियों पर पहले से भी कुछ मुकदमे दर्ज हैं। जानकारी के लिये बता दें कि गिरफ्तार दोनो महिला आरोपियों को करीब दो साल पहले देहरादून में गिरफ्तार किया गया था, जहां यह करीब दो माह तक जेल में बंद भी थी। लेकिन जेल से बाहर ही यह दोनो आरोपी बहने पुनः वारदात में सक्रिय हो गई।
बहरहाल पुलिस टीम की तफ्तीश जारी है।