
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ‘इमीग्रेशन रैकेट’ का खुलासा किया है, जिसका मास्टरमाइंड पोलैंड में रहता और वहीं से वह जाली रेसिडेंस वीजा बनाकर गिरोह के सदस्यों को इंडिया में उपलब्ध कराता था।

मामले में लोगों को विदेश भेजने के बहाने लोगों के साथ ठगी में संलिप्त गिरोह से संबद्ध प्रमुख दंपत्ति सहित एक यात्री को गिरफ्तार किया गया है।

गिरोह का खुलासा तब हुआ, जब पकड़ा गया यात्री फर्जी पोलैंड रेसिडेंस वीजा के साथ आईजीआई एयरपोर्ट पर पहले धरा गया। फिर इससे पूछताछ के बाद इसे फर्जी वीजा उपलब्ध कराने वाले एक हाई प्रोफाइल दंपत्ति की गिरफ्तारी हुई। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
यह कामयाबी मिली है, दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी तनु शर्मा के मार्गदर्शन, ACP बिजेंद्र सिंह के निर्देशन तथा आईजीआई एयरपोर्ट थाने के SHO इंस्पेक्टर यशपाल सिंह के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में तेज-तर्रार इंस्पेक्टर सुमित कुमार, महिला सब इंस्पेक्टर सरोज, सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र, थानेदार ओम प्रकाश, महिला कांस्टेबल मंजू व कांस्टेबल अमरजीत शामिल थे।

पकड़े गए आरोपियों से 18 भारतीय पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड्स, छह मोबाइल फोन व अन्य डकोमेंट की बरामदगी हुई है।
जयपुर से धरे गए आरोपी दंपत्ति की पहचान 32 वर्षीय प्रवीण, पुत्र ओम प्रकाश, निवासी गांव बालापुर, जिला अंबाला (हरियाणा) और 28 वर्षीया प्रियंका, पुत्री प्रीतपाल, पत्नी प्रवीण, निवासी मकान नंबर 120, बी- 1, नगरा हाउस, टीवी अस्पताल रोड, पटियाला (पंजाब) के रूप में हुई है। जबकि आईजीआई एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार यात्री की पहचान सरबजीत सिंह के रूप में की गई है।
मामले में गिरोह का मास्टरमाइंड विशाल उर्फ पाजी व गिरोह का एक अन्य प्रमुख सदस्य जसवीर अभी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम का प्रयास जारी है।
बहरहाल पुलिस टीम की तफ़्तीश जारी है।