दिल्ली: दंपत्ति की गिरफ्तारी से 72 वर्षीया महिला की गुमशुदगी/अपहरण/हत्या का राज खुला, मोहन गार्डेन थाना के SHO इंस्पेक्टर राजेश मौर्य की टीम की कामयाबी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राजधानी के मोहन गार्डेन इलाके में घटित 70 वर्षीया महिला कविता ग्रोवर की गुमशुदगी/अपहरण/हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए, वारदात में सम्मिलित दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दंपत्ति की निशानदेही पर टुकड़े- टुकड़े में कटे मृतका का शव, वारदात में इस्तेमाल रसोई की चाकू, लूट की आभूषण सहित व कुछ अन्य आवश्यक कागजातों की बरामदगी हुई है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस के एक बड़ी कामयाबी है।
यह कामयाबी मिली है, नजफगढ़ सब डिवीजन के ACP जोगिंद्र जून के मार्गदर्शन, मोहन गार्डन थाना के SHO इंस्पेक्टर राजेश मौर्य के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर अनिल, सुभाष, थानेदार मनोज, हेड कांस्टेबल पप्पू राम, सुमित, कांस्टेबल मनोज व अश्वनी शामिल थे। पुलिस टीम ने इस वारदात का खुलासा किया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।

मृतका

पकड़े गए आरोपी दंपत्ति की पहचान अनिल आर्य व उनकी पत्नी तनु उर्फ कामिनी आर्य, निवासी डी-38, गुरुद्वारा रोड, मोहन गार्डेन (दिल्ली) के रूप में हुई है।

आरोपी दंपत्ति

पुलिस टीम ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर आधारित तफ्तीश, स्थानीय पूछताछ व विश्वस्त मुखबिरों से प्राप्त सूचना के आधार पर आरोपी दंपत्ति को उत्तरप्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया है, जहां आरोपी दंपत्ति छिपकर एक किराये के मकान में रह रहा था।

SHO इंस्पेक्टर राजेश मौर्य

आरोपी दंपत्ति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम ने दंपत्ति की निशानदेही पर शव के टुकड़ों से भरा थैला, वारदात में इस्तेमाल रसोई चाकू, मृतका का बैग(जिसमे आडीडी, चेकबुक व कुछ अन्य आवश्यक दस्तावेज थे) राजधानी में स्थित नजफगढ़ ड्रेन से बरामद कर लिया है, जहां आरोपी दंपत्ति ने वारदात के बाद सुबूत मिटाने के लिये फेक दिए थे। इसके अलावा मृतक से लूट की आभूषणों की भी बरामदगी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि 3 जुलाई को सुश्री मेघा ग्रोवर, पत्नी मनीष ग्रोवर , निवासी A-130, रामा पार्क, मोहन गार्डेन (दिल्ली) ने अपनी 72 वर्षीया सास कविता ग्रोवर की गुमशुदगी रिपोर्ट मोहन गार्डेन थाने में दर्ज कराई थी। बाद में परिजनों के संदेह पर इस मामले को अपहरण के मुकदमे में तब्दील कर दिया गया था।
मामले की सूक्ष्मता पूर्वक जांच के बाद पुलिस टीम का शक मामले में गिरफ्तार दंपत्ति पर गया, क्योंकि वे दोनो सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता के घर से दो भारी बैग लेकर निकलते हुए दिखे थे। पुलिस टीम ने पड़ताल की, तो आरोपी दंपत्ति भी 3 जुलाई से अपने घर से गायब थे। इससे दंपत्ति पर पुलिस टीम का शक गहरा गया और पुलिस टीम ने दंपत्ति की तलाश शुरू की।
पुलिस टीम द्वारा पूछताछ में आरोपी दंपत्ति ने खुलासा किया कि उन्होंने मृतका से करीब डेढ़ लाख रुपये उधार ले रखे थे। इधर मृतका लगातार उधार की रकम वापसी के लिए उनपर दबाव बना रही थी। इस वजह से उन्होंने हत्या की यह साजिश रची व घटना को अंजाम दिया।
बकौल आरोपी दंपत्ति, उन्हें 30 जून को मृतका कविता ग्रोवर के बारे में पता चला कि वह घर मे अकेली है, क्योंकि उनके बेटे व बहु सिरसा गए हुए थे। उपयुक्त अवसर देखकर वे (दंपत्ति) कविता ग्रोवर के घर पहुंचे और वहां नायलॉन की रस्सी से गला घोंटकर कविता ग्रोवर की हत्या कर दी। हत्या के बाद रसोई की चाकू से शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। फिर उन्होंने शव के टुकड़े व अन्य सामान दो बैग में भरे। इसके बाद उन्होंने बैग नजफगढ़ ड्रेन में फेक दिया था।
बहरहाल पुलिस टीम की तफ्तीश जारी है।