आईटी और लॉ के सह संबंध होना ही चाहिए- रणवीर सिंह, वाइस चासंलर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी

चंद्रप्रभु जैन कॉलेज ऑफर हॉयर स्टडीज एंड स्कूल ऑफ लॉ, नरेला दिल्ली में तृतीय राष्ट्रीय विधि महोत्सव लॉय फिस्टा 2018 का आयोजन।

नईदिल्ली-

 

सीपीजे स्कूल ऑफ लॉ नरेला के तत्वाधान में तृतीय राष्ट्रीय विधि महोत्सव 16-17 मार्च 2018 का आयोजन किया गया। 2015 से लगातार आयोजित इस पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष सीपीजे कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून विषय पर इस विधि महोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्य अतिथि प्रो (डॉ0 रणवीर सिंह, वाइस चांसलर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर्स प्रो. (डॉ) अफजल बानी, एवं डॉ अनुराधा साहीबाबा, लीगल एसोसिएट, आईसीआरसी नईदिल्ली उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन सुभाष जैन, जनरल सेक्रेटरी अभिषेक जैन, डायरेक्टर युगांक चर्तुर्वेदी एवं प्रिंसिपल वीके सिंह के द्वारा समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया।

इस मौके पर रणवीर सिंह, वाइस चांसलर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने तृतीय राष्ट्रीय विधि महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि आईटी और लॉ के सह संबंध होना ही चाहिए जिससे तेजी से कानून क्षेत्र में विकास होगा। उन्होंने कहा कि आज कई लॉ यूनिवर्सिटी हैं लेकिन अभी हमें परफोर्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि घर सजाने की बात तो दूर की है, देखना है इसे बचाएं कैसे।

रणवीर सिंह ने कहा कि आज देश में 250 लॉ कालेज हैं और 22 लॉ विश्वविद्यालय है। अभी देश में तेजी से लॉ को और तेजी से विकास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूं तो एक पैर पर चलते हैं लोग, दूसरों भी साथ देता तो और बात है। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं विदेशों में भी लॉ का अलग महत्व है। बड़े से बड़े नेता लॉ फेकल्टी ने दिया है। इस मौके पर प्रो. डॉ. अफजल बानी ने कहा कि आज छात्रों को अपने अलग पहचाने बनाने की जरूरत है। युवा ही विश्व को दिशा दे सकते हैं। आप बुद्ध को देख सकते हैं। जिनके आइडिया और फिलोसफी को विश्व के कई देशों ने अपनाया। इस तरह से युवाओं को सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर प्रो. अनुराधा साईबाबा ने कहा कि इंटरनेशनल हुमेनीटेरीयन लॉ आज की आवश्यकता है। इस मौके पर संस्थान के कॉरपोरेट डायरेक्टर युंगाक चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार से इराक को समाप्त किया गया जिसमें कई पौराणिक सभ्यता का साक्ष्य का अंत हो गया। आज हेमेनीटेरीयन लॉ की आवश्यकता ज्यादा है। जिससे की विश्व में सबको न्याय मिल सके।

इस विधि महोत्सव के दौरान पांच प्रमुख प्रमुख प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। इसमें राष्ट्रीय सेमिनार, राष्ट्रीय मुताब न्यायालय, राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी, राष्ट्रीय कानूनी मसौदा और राष्ट्रीय ग्राहक परामर्श विषय थे। इस प्रतियोगिताओं में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थानों के छात्र छात्राओं, अनुसंधान विद्वानों, शिक्षाविदों, न्यायमूर्तियों एवं अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

इन प्रतियोगितायों में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पाने वाले छात्र एवं छात्राओं को पदाधिकारियों द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के डायरेक्टर युगांक चर्तुवेदी ने सभी अतिथियों, छात्र छात्राओं, संस्थान के उच्चपदाधिकारियों, सभी फैक्लटीज सभी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका के लिए ह्दय से धन्यवाद किया।

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