डॉ. उदित राज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले वायदा किया था कि सफाई कर्मचारी, कंडक्टर, ड्राईवर, चपरासी, डॉक्टर, ड्राफ्टमैन एवं शिक्षक आदि सत्ता में आने पर स्थायी किये जायेंगे लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है और न ही होने के आसार हैं। यह भी वायदा किया था कि सस्ते ब्याज दर पर क़र्ज़ दिया जायेगा ताकि कमजोर वर्ग अपना व्यापार कर सके। मॉडल स्कूलों को बनाने का भी वायदा किया था जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। दिल्ली सरकार के अंतर्गत लगभग ढाई हजार शिक्षण संस्थान हैं जिसमे प्रत्येक में एक स्टेट मैनेजर और एक क्लर्क की भर्ती हुई लेकिन उसमे आरक्षण नही लागू किया गया। दिल्ली सरकार में लगभग 70प्रतिशत सरकारी पद खाली हैं जिन्हें भरना है। मान लिया जाये कि 15 से 20 प्रतिशत कर्मचारी ऐड हॉक या ठेके पर हैं तो भी लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारी, अधिकारीयों से ही सरकार चल रही है। यही वजह है कि दिल्ली सरकार के काम आधे अधूरे हैं।
डॉ. उदित राज ने कहा कि दिल्ली सरकार का दलितों और गरीबों के प्रति उदासीनता को आगामी 26 दिसम्बर को अनुसूचित जाति/जनजाति के संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ द्वारा रामलीला मैदान में की जा रही रैली में प्रमुखता से उठाया जायेगा। उन्होंने यह मांग किया कि केजरीवाल सरकार जल्द ही अनुसूचित जाति आयोग का गठन करे ताकि दलितों के हितों की रक्षा की जा सके।
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