दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन की आम आदमी पार्टी की पोल खोल अभियान के तहत होने वाली प्रेसवार्ता की कड़ी की में आज पांचवे दिन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष श्री सुभाष चौपड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने आम आदमी को ही बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के शहरी गरीबों के घर तथा जीविका को सुरक्षित करने में पूरी तरह से नाकामयाब रही है।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री सुभाष चौपड़ा के साथ प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी व प्रवक्ता पूजा बाहरी, वरिष्ठ नेता श्री चत्तर सिंह, दिल्ली प्रोफेश्नल कांग्रेस के अध्यक्ष अमन पंवार, दिल्ली कांग्रेस के लीगल एवं मानव अधिकार विभाग के चैयरमेन एडवोकेट सुनील कुमार, मुख्य मीडिया कॉआर्डिनेटर मेहदी माजिद मौजूद थे।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री सुभाष चौपड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार न सिर्फ अनाधिकृत कालोनियां में विकास करने में नाकामयाब रही है बल्कि उन्होंने झुग्गी झौपड़ी वासियों को उसी जगह पर मकान बनाकर देने की वादा खिलाफी की तथा दिल्ली के 5 लाख रेहड़ी पटरी को लाईसेंस देने की बजाय पिछले 3 वर्ष में 1 लाख 65 हजार रेहड़ी पटरी वालों को उजाड़ डाला।
श्री सुभाष चौपड़ा ने कहा कि तीन साल बीत चुके है परंतु आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक भी अनाधिकृत कालोनी को पास नही किया है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों के साथ सौतेला बर्ताव किया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नही हुआ है। दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने 4200 करोड़ रुपया अनाधिकृत कालोनियों के विकास के लिए खर्च किया था और 895 अनाधिकृत कालोनियां पक्की की थी। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद इन अनाधिकृत कालोनियों में विकास ठप्प हो गया है क्योंकि विकास के नाम पर इन्होंने एक ईंट भी नही लगाई है और न ही एक भी कालोनी को पक्का किया है।
श्री सुभाष चौपड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के 2015 के घोषणा पत्र में यह कहा गया था कि कमजोर वर्ग के लिए घर बनाने के लिए 200 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। केजरीवाल सरकार के पास खाली जमीन उपलब्ध है इसके बावजूद भी उन्होंने गरीबों के लिए एक भी मकान नही बनाया है। यद्यपि आम आदमी पार्टी ने कागजों पर बड़े-बड़े वायदे किए और यदि केजरीवाल सरकार ने धरातल पर कुछ कार्य किया होता तो कड़कड़ाती सर्दी के कारण सैंकड़ों जान नही जाती। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने झुग्गी झौपड़ी वालों को उनकी जगह पर मकान बनाने की बात कह कर गुमराह किया था। जबसे केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की शपथ ली है तब से लेकर अब तक दिल्ली सरकार ने एक भी झुग्गी की जगह मकान नही बनाए है।
श्री चौपड़ा ने कहा कि हमने कांग्रेस की सरकार के समय कालकाजी एक्सटेन्शन में 3000 झुग्गी झौपड़ी वालों के लिए इन-सेतू प्रोजेक्ट के तहत जहां झुग्गिया हैं वही पर इन फ्लैटों को बनाने की शुरुआत हुई थी। इन फ्लैटों को बनाने का काम 2013 में शुरु हो गया था जो कि तीन वर्षो में बनकर तैयार होने थे। श्री चौपड़ा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में वे उन सुविधाओं को दिया जाना है जो कि हाउसिंग सोसायटी में दी जाती है। जैसे कि पानी, बिजली, पार्क, रोड़ ट्यूबवेल, यूजीआर, ड्रेनेज सिस्टम इत्यादि। श्री चौपड़ा ने कहा कि हमने जो वायदा किया उसको पूरा किया परंतु केजरीवाल ने इन-सेतू प्रोजेक्ट का वायदा झुग्गी झौपड़ीवासियों के लिए किया था परंतु वह नही निभाया।
श्री चौपड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा जेएनएनयूआरएम के द्वारा शहरों के आधुनिकीकरण की योजना चलाई गई थी तथा शहरों के गरीबों को मूलभूत सुविधा देने के लिए इस योजना के तहत दिल्ली में 55,424 घर बनाने के लिए मंजूरी मिली थी परंतु 31,424 घर ही बन पाए और केवल 2,201घर ही आवंटित किए जा सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह लक्ष्य था कि राज्य इस बात को लेकर सर्वे करेगा कि कितने घरों की मांग है। यह सर्वें दिल्ली में 30 जून 2017 तक पूरा होना था परंतु अभी तक सर्वे का काम पूरा नही हुआ है।
श्री चौपड़ा ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने देश भर के रेहड़ी पटरी वालों की जीविका को सुरक्षित करने के लिए THE STREET VENDORS (PROTECTION OF LIVELIHOOD) ACT, 2014 बनाया था। इस कानून के तहत अकेली दिल्ली में 5 लाख रेहड़ी पटरीवालों को लाईसेंस दिया जाना था ताकि उनको पुलिस तथा निगमों के हाथों के द्वारा होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके। 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले खुद केजरीवाल रेहड़ी पटरीवालों के पास गए थे और उनसे यह वायदा किया था कि सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर सभी रेहड़ी पटरी वालों को लाईसेंस दिए जाने की प्रक्रिया को शुरु कर देंगे। सच्चाई यह है कि आज तक एक भी किसी रेहड़ी पटरी वालें को दिल्ली लाईसेंस नही दिया गया हैं क्योंकि सरकार लाईसेंस देने की प्रक्रिया को लेकर नियम नही बना पाई है। जहां एक ओर केजरीवाल सरकार सोती रही, दूसरी ओर लाखों रेहड़ी पटरीवालां को पुलिस डीयूएसआईबी तथा निगमों ने गैर कानूनी तरीके से उजाड़ दिया। जो बचे हुए है वे बहुत भारी रिश्वत देकर काम कर रहे है क्येंकि उनको 2014 के कानून के हिसाब से अभी लाईसेंस नही दिया गया है। इंस्पेक्टर राज के चलते गरीब रेहड़ी पटरी वाले रिश्वत देकर अपना काम चला रहे है।
श्री चौपड़ा ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाकर रेहड़ी पटरी वालों को लाईसेंस देने की प्रक्रिया को तेजी से करने की मांग की तथा दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त 2017 में दिल्ली सरकार के सचिव को तलब किया ताकि वह यह बता सके कि लाईसेंस देने की प्रक्रिया किन कारणों से हुई है। आप पार्टी की दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता के कारण न सिर्फ दिल्ली के 5 लाख रेहड़ी पटरीवालों को परेशानियां झेलनी पड़ी है परंतु उन पर निर्भर उनके घरवालों को भी समस्याएं आई है। यदि हम प्रत्येक घर में 4 सदस्यों के परिवार की गणना करें तो इस प्रकार पूरी दिल्ली में 20 लाख लोग प्रभावित हुए है।मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि अभी हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने डीटीसी की बस में वंसत कुंज क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा उनके सामने अश्लील हरकत किए जाने की शिकायत की है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार ने बसों में तैनात किए जाने वाले मार्शलों की नियुक्ति की होती तथा सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए होते तो दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा के साथ घिनौनी हरकत नही होती। दिल्ली प्रोफेश्नल कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अमन पंवार ने कहा कि दिसम्बर 2015 की कड़कड़ाती सर्दी में शकूर बस्ती की झुग्गी झौपड़ीवासियों को उजाड़ा जा रहा था उस समय केजरीवाल और केन्द्र सरकार दोनो तमाशा देख रहे थे। केजरीवाल घटना के 48 घंटे बाद घटनास्थल पर पहुचे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका अजय माकन बनाम दिल्ली सरकार (W.P.(C) 11616/2015) के द्वारा शकूर बस्ती में होने वाली तोड़फोड़ के खिलाफ लगाई थी जबकि यह तोड़फोड़ दिल्ली सरकार में पीडब्लूडी मंत्री श्री सतेन्द्र जैन के क्षेत्र में हुआ था। श्री अजय माकन ने शकूर बस्ती में बेघर हुए लोगों तथा उस क्षेत्र में रोशनी व शौचालय की सुविधाएं भी कोर्ट के आदेश पर करवाई थीं।
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