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दरभंगा। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को बिहार के दरभंगा जिला स्थित बेनीपुर अनुमंडल क्षेत्र के महिनाम गांव निवासी नर्मदेश्वर झा रफ्तार देंगे। झा को मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के परिचालन की विशेष ट्रेनिंग के लिए चुना गया है। वे हाईस्पीड ट्रेन संचालन करने वाली टीम के सदस्य के रूप में जापान में 15 दिनों की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
झा ने एमआइटी मुजफ्फरपुर से बीटेक किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर में एमटेक किया। वर्ष 2002 में आईईएस सर्विस में चयन हो गया। सेंट्रल वाटर कमीशन में सीनियर अभियंता बने।
हालांकि झा के पिता की इच्छा थी कि उनका बेटा आईएएस बने। वर्ष 2006 में झा को सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता मिली। लेकिन, रैंक कम आने से इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस में चयन हुआ। पहली पोस्टिंग भुसावल में हुई। इन दिनों मुंबई सेंट्रल रेलवे में सीनियर डीओएम हैं।
बेनीपुर के महिनाम गांव में इन दिनों लोग बेहद खुश हैं। हों भी क्यों नहीं उनके गांव के बेटे नर्मदेश्वर झा ने गांव का नाम जो पूरे देश में रोशन किया है। वे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में शामिल किये गये हैं। फिलहाल वे ट्रेनिंग के लिए जापान गए हैं। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शामिल होने पर इनके गांव में खुशी लहर है। उनकी दादी रामपरी देवी ने कहा कि उनका पोता शुरू से ही होनहार था। उन्हें लगता था कि वह परिवार का नाम रोशन करेगा। आज उसने गांव का नाम देश रोशन कर दिया। चाचा जटाशंकर झा ने कहा कि आज गांव का हर आदमी अपने बच्चे को नर्मदेश्वर जैसा बनने की प्रेरणा दे रहा है। कहा नर्मदेश्वर का आज भी खेती-बारी में बहुत मन लगता है। नामदेश्वर ने महिनाम मध्य विद्यालय से शुरूआती पढ़ाई की है। उन्होंने मुजफ्फरपुर के एमआईटी से बीटेक किया है। उसके बाद बाद बोकारो और कानपूर से उच्च डिग्री ली है। उन्होंने वर्ष 2006 में सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की और भारतीय रेलवे अधिकारी बने। उनके पिता डॉ ललितेश्वर झा संस्कृत बेगूसराय मंझौल कॉलेज में शिक्षक रहे हैं।
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