नई दिल्ली। योग के क्षेत्र में सफलता एक दिन में आ जाये, यह कहना गलत होगा। वजह, यह अपने आप मे एक संघर्ष व साधना है। इसे पाने के लिये निष्ठा पूर्वक ध्येय के प्रति निरंतर अभ्यास, अनुशासन व लगन का होना बेहद जरूरी है। यह कहना है, जानी मानी अंतरराष्ट्रीय योग टीचर/थेरेपिस्ट योगिनी PRATIVA TERON का।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग के क्षेत्र में 30 से अधिक पुरस्कार से सम्मानित PRATIVA TERON आज पहचान की मोहताज नही हैं। योग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अग्रणी नामों में इनका नाम शुमार है। हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान POLICE POST प्रतिनिधि ने इनसे योग के बारे में विस्तार से बात की। प्रस्तुत है, उस बातचीत के मुख्य अंश –
POLICE POST : पांचवें ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर 21 जून को DRDO के सौजन्य से भारत-चाइना सीमावर्ती क्षेत्र ‘बूम ला’ में ‘योग कार्यशाला’ का आयोजन किया गया था, उसमे योग कार्यशाला के लिये आपको विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। इस गौरवमयी उपलब्धि के लिये POLICE POST परिवार की तरफ से सर्वप्रथम आपको बधाई।
PRATIVA TERON : जी शुक्रिया। साथ मे ‘पुलिस पोस्ट’ परिवार का भी धन्यवाद, जिन्होंने योग के कदम को सराहा। दरअसल यह योग कार्यशाला मेरे लिये सुखद अनुभूति रही, क्योंकि इस कार्यशाला में भारतीय जवानों के अलावा चीनी सेना के 70 जवान व 30 चाइनीज नागरिकों ने भी साथ बड़े ही दोस्ताने अंदाज व उत्साहपूर्ण माहौल में शिरकत की और सभी ने इस प्रयास को सराहा। मैं अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मेरी मित्र Dr.Bhanu p.Gogoi और DRDO के विज्ञानी Dr.Baikunthajyoti Gogoi को देना चाहती, जिन्होंने इस योग कार्यशाला में मुझे अवसर दिया।
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