दिल्ली के सुरक्षातंत्र में लुटेरों का सेंध!, दो पकड़े

नई दिल्ली। राजधानी के सुरक्षातंत्र में घुसपैठ कर चुके हैं लुटेरे! जी जनाब, यह वास्तविकता है। रोहिणी जिले के बवाना थाने की पुलिस ने दो लुटेरों को गिरफ्तार कर एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो सिविल डिफेंस के जवान हैं।
पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के मास्टरमाइंड सहित दोनों लुटेरों की पहचान सुखराम(28), निवासी – गांव सुल्तानपुर डबास, रोहिणी जिला(दिल्ली) और सुरेश कुमार(35), निवासी – गांव दरियापुर, थाना बवाना(दिल्ली) के रूप में हुई है। इनमें गिरोह का सरगना सुखराम बताया जाता है।
इस गिरोह के खुलासे से पिछले दिनों बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में हुए लूट की दो वारदातों के खुलासे के साथ नौ मोबाइल फोन की बरामदगी हुई है। इनमें वह दो मोबाइल फोन भी शामिल हैं, जो इन्होंने बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में लूटे थे। इसके अलावा दोनों आरोपियों के पास से एक पुलिस की वर्दी, एक सिविल डिफेंस की वर्दी, विभिन्न नामों व संस्थाओं के नाम से बन रखे 67 आईडी कार्ड की भी बरामदगी हुई है।
कैसे हुआ गिरोह का खुलासा :
बवाना थाना क्षेत्र स्थित बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में 2 मार्च की रात आठ बजे से साढ़े आठ बजे के बीच लूट की दो घटनाएं घटी थी। पहली घटना सेक्टर 1 और दूसरी घटना सेक्टर 3 के गोलचक्कर पर घटित हुए थे, जहां पुलिस वर्दी में दो लुटेरों ने फैक्ट्री से काम खत्म कर घर लौट रहे दो फैक्ट्री कर्मियों से उनके मोबाइल फ़ोन व पर्स लूट लिए थे।
इस घटना को बवाना थाने के SHO इंस्पेक्टर धर्म देव ने गंभीरता से लिया। दरअसल राजधानी के विभिन्न इलाकों में इस तरह की घटनाएं पहले भी घटित हुए थे, जिसमे लुटेरों ने पुलिस की वर्दी में लूट की घटना को अंजाम दिया था। ऐसे में इंस्पेक्टर धर्म देव की सतर्कता जायज था। संभव था कि वह गिरोह अब बवाना इलाके में सक्रिय है, जो लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा। इंस्पेक्टर धर्म देव का मानना था कि यदि जल्द इस गिरोह का खुलासा नही हुआ, तो बदमाशों का मनोबल बढ़ जाएगा और वारदातों का सिलसिला जारी रहेगा। साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान के साथ पोलिस की भूमिका पर भी प्रश्न-चिन्ह खड़े होंगे।
बवाना थाने के SHO इंस्पेक्टर धर्म देव ने त्वरित करवाई करते हुए गिरोह के जल्द खुलासे के लिए अपने नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम में सब इंस्पेक्टर धीरेंद्र, ASI सुभाष व विनोद, हेड कांस्टेबल मनजीत और राजवीर शामिल थे।
पुलिस टीम ने दोनों घटनाओं की सूक्ष्मता पुर्वक पड़ताल के बाद वारदात के मात्र 18 घंटे के अंदर 3 फरवरी की शाम बवाना इंडस्ट्रियल एरिया से वारदात में संलिप्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इस गिरोह का खुलासा कर दिया। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद। गिरफ्तारी के समय दोनों आरोपी किसी वारदात की कोशिश में थे।
मामले के खुलासे में हेड कांस्टेबल मनजीत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। रोहिणी जिले के डीसीपी रजनीश गुप्ता ने मामले में खुलासे में विशेष योगदान के लिए हेड कांस्टेबल मनजीत को 51 सौ रुपये देकर पुरस्कृत किया है।
पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों आरोपी सिविल डिफेंस में कार्यरत होने की वजह से पुलिस की कार्य-प्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ थे। दोनों आरोपी अंधेरा होने पर पुलिस की वर्दी पहनकर किसी सुनसान जगह पर खड़े हो जाते। जब कोई शख्स इनके सामने से गुजरता, तो यह इशारा कर उसे रोक लेते। फिर उसके साथ लूट की घटना को अंजाम देकर वहां से फरार हो जाते थे।
अब बवाना थाने की पुलिस यह जानकारियां एकत्र कर रही है, कि गिरोह के शिकार कितने लोग बने और वह कौन हैं।

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