नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट (SIU) ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो पिछले कई वर्षों से विभिन्न विश्वविद्यालय व कॉलेज के ‘फेक’ सार्टिफिकेट और मार्कशीट बनाने के धंधे में संलिप्त था। गिरोह का मास्टरमाइंड कपिल गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास जारी है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
पुलिस टीम के हत्थे चढ़ा गिरोह का मास्टरमाइंड 23 वर्षीय कपिल गोयल, पुत्र जगन्नाथ गोयल, निवासी मकान नम्बर 896, नियर रोहतास चक्की, भिवानी (हरियाणा) ने भौतिक सुख-सुविधा की चाहत और शार्ट कट रास्ते से जल्द अमीर बनने की ललक में यह गोरखधंधा शुरू किया था। इसने MDU, रोहतक से बीकॉम तक पढ़ाई कर रखी है। धंधे में इसका शागिर्द इसका छोटा भाई हैप्पी भी है, जो बहरहाल फरार है। हैप्पी की गिरफ्तारी के लिए सभी संभावित जगहों पर पुलिस टीम की दबिश लगातार जारी है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट (SIU) के तेज-तर्रार एसीपी संदीप लांबा के निर्देशन व अनुभवी इंस्पेक्टर उपेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम ने विश्वस्त मुखबिर की सूचना पर आरोपी को कश्मीरी गेट ISBT के पास रिंग रोड से उस समय गिरफ्तार किया, जब वह अपनी रेड कलर की Tata Nexon कार(नम्बर HR 16T 3443 से किसी जानकार से मिलने जा रहा था। पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर विनय भारद्वाज, ASI संजय त्यागी, ASI योगेंद्र, हेड कांस्टेबल राकेश, कांस्टेबल प्रदीप, रणजीत और दलवीर शामिल थे।
गिरफ्तार आरोपी के पास से तीन सौ fake सार्टिफिकेट/मार्कशीट, मार्कशीट/सार्टिफिकेट बनाने में इस्तेमाल लैपटॉप, कलर प्रिंटर/स्कैनर व कटर मशीन की बरामदगी हुई है। इसके अलावा जिस कार में आरोपी गिरफ्तार हुआ, उसे भी जब्त कर लिया गया है। दरअसल आरोपी ने यह नई कार ठगी के पैसे से खरीदे थे। इस बाबत आरोपी के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाने में मुकदमा अपराध संख्या 65/18 पर IPC की धारा 420/468/471/120-B के तहत दर्ज किया गया है।
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