नई दिल्ली। दिल्ली के बड़े कैमिकल व्यवसायियों में शुमार अनिल खेड़ा की हत्याकांड का राज़ खुल गया है। कलयुगी इकलौते संतान ने पांच लाख रुपये की सुपारी देकर कराई थी पिता की हत्या। मामले में आरोपी कलयुगी पुत्र सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल की भी बरामदगी कर ली गई है। यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की रोहिणी सेक्टर 14 स्थित SOS – 1 (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वाड) की टीम को। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
(एसीपी अरविंद कुमार)
पकड़े गए आरोपियों की पहचान मॉडल टाउन, दिल्ली निवासी 37 वर्षीय गौरव खेड़ा, आजादपुर, दिल्ली निवासी 23 वर्षीय विशाल गर्ग, लोनी, यूपी निवासी 22 वर्षीय सादिक़ खान उर्फ सुहान खान के रूप में हुई है। इनमे गौरव खेड़ा मृतक का संतान है। जबकि मामले में संलिप्त एक आरोपी@शूटर शमशेर फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम का प्रयास जारी है। आरोपी शमशेर जे जे कॉलोनी, वजीरपुर, दिल्ली का रहने वाला बताया जाता है।
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(मृतक कारोबारी अनिल खेड़ा)
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वाड) के तेज-तर्रार ACP अरविंद कुमार के निर्देशन तथा SOS-1 के अनुभवी इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम ने घटना में संलिप्त तीनों आरोपियों को मजलिस पार्क, आजादपुर, दिल्ली से उस समय गिरफ्तार किया, जब तीनो आरोपी आपस मे मिलने के लिये एकत्र हुए थे। इस पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर प्रवीण अत्री, ASI रामनिवास, लाल सिंह, हेड कांस्टेबल विजय कुमार, प्रवीण, सुनील, मनदीप, दिनेश, जसविंदर, कांस्टेबल अरुण व कांस्टेबल अजय जैसे जांबाज़ पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस टीम ने आरोपी सादिक़ की निशानदेही पर वारदात में इस्तमाल मोटरसाइकिल की भी बरामदगी कर ली है।
(आरोपी सीसीटीवी में कैद)
बता दें कि दिल्ली के मॉडल टाउन निवासी व दिल्ली के प्रमुख केमिकल व्यवसायियों में शुमार अनिल खेड़ा की हत्या 21 मई की शाम करीब पांच बजे उत्तरप्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िला स्थित साहिबाबाद थानांतर्गत राजेन्द्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया में उस समय कर दी गई थी, जब वह एक व्यावसायिक मीटिंग में शरीक होकर एक फैक्ट्री से बाहर निकले थे। उस दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात बादमाशों ने बेहद निकट से उनपर ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया। जब अनिल खेड़ा घायल होकर लहूलुहान अवस्था मे नीचे गिर पड़े, तब दोनों आरोपी उन्हें मृत समझकर हवाई फायर करते हुए मौके से भाग निकले थे। घटना के बाद अनिल खेड़ा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। बात दें कि पूरी घटना मौके पर मौजूद सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
उजाले में घटित यह घटना बेहद भीड़भाड़ वाली जगह पर हुई थी। लिहाजा इस घटना से स्थानीय कारोबारी सहित इलाके के लोगों में दशहत व्याप्त था। इस बाबत अज्ञात दोनों आरोपियों के खिलाफ यूपी के गाज़ियाबाद थाने में मुकदमा अपराध संख्या 1325/18 पर भादवी की धारा 302/34 के तहत दर्ज किया गया था।
पुलिस टीम के हत्थे चढ़े आरोपियों में कलयुगी पुत्र गौरव खेड़ा शादीशुदा है। संतान के नाम पर इसे एक पुत्र है। इससे छोटी एक बहन है, जिसकी शादी हो रखी है। सेकेंड इयर में पढ़ाई छोड़ने के बाद गौरव अपने पिता अनिल खेड़ा के साथ उनके खारी बावली के तिलक बाजार स्थित कैमिकल व्यवसाय में सहयोग करता था। जबकि दूसरा आरोपी विशाल गर्ग 12वीं तक पढ़ाई कर रखा है। यह आजादपुर के पंचवटी इलाके में कृष्णा रेसीडेंसी नाम से होटल चलाता है। वहीं तीसरा आरोपी सादिक़ खान 12वीं तक पढ़ाई कर रखा है। यह अपने घर मे ही मोबाइल फोन रिपेयर की दुकान खोल रखा है।
पूछताछ में हत्या की कहानी इस प्रकार सामने आई –
मृतक अनिल खेड़ा के इकलौते पुत्र आरोपी गौरव खेड़ा को जुए व सट्टे की बेहद खराब लत थी। इस वजह से उसपर काफी कर्ज चढ़ गए थे। जब कर्जदार रकम वापसी के लिये इसपर लगातार दबाव बनाने लगे, तो इसने पिता को अपनी परेशानी बताई। लेकिन पिता ने इसे मदद देने से साफ मना कर दिया और इसकी गलत आदतों पर इसे बेहद ज़लील भी किया। इससे गौरव के दिल मे अपने पिता के प्रति नफरत उभर आई। और जल्द ही यह नफरत इतनी गहरा गई कि गौरव ने पिता की हत्या करा देने का निर्णय ले लिया। गौरव की सोच थी कि पिता की मौत के बाद वह संपत्ति का इकलौता वारिस हो जाएगा। फिर इसपर किसी का अवरोध नही रहेगा।
फिर गौरव ने अपने साथी विशाल से इस बाबत बात की और उसे भरोसा दिया कि वारदात में सहयोग देने पर वह उसे अपने कारोबार में 25 प्रशेंट का हिस्सेदार बना लेगा। विशाल ने हामी भर दी।
इसके बाद विशाल ने गौरव की मुलाकात शूटर शमशेर व सादिक़ से कराई। इन दोनों ने हत्या के एवज में पांच लाख रुपये की सुपारी की मांग की। गौरव सहमत हो गया।
फिर योजनानुसार शमशेर व सादिक़ ने साहिबाबाद इलाके में अनिल खेड़ा की हत्या कर दी थी।
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