दिल्ली: गोल्ड व आईफोन तस्करी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) के ACP जितेंद्र झा के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में गठित टीम की कामयाबी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गोल्ड व आईफोन तस्करी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

ACP जितेंद्र झा(कुशल निर्देशन)

पुलिस सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र को एक गुप्त सूचना मिली कि आज सुबह एक गाड़ी नंबर 3046 में एक खान नाम का व्यक्ति अक्षरधाम की तरफ से आता हुआ दिल्ली गेट की तरफ जाएगा और किसी व्यक्ति को हेरोइन या कोकीन मादक पदार्थ की सप्लाई करेगा।

इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र(कुशल नेतृत्व)

सूचना महत्वपूर्ण थी। इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र ने इस सूचना से अपने ACP जितेंद्र झा को अवगत कराया। ACP जितेंद्र झा ने सूचना को गंभीरता से लिया व त्वरित कार्रवाई के लिए अपने निर्देशन तथा इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। इस टीम में ASI सुधीर कुमार, SI राकेश दुहान, HC अशोक नागर, संजय कुमार, रमेश व Ct. सुखबीर, अनुज, सुमित और सुनील शामिल थे।
पुलिस टीम ने ट्रैप लगाकर अक्षरधाम मंदिर से पहले नोएडा की तरफ से आती हुई गाड़ी नंबर DL-8CAK-3046 को रोका, जिसमें दो व्यक्ति ड्राइवर के अलावा सवार पाए गए। दोनों सवारियों की तलाशी में कोई भी मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ। पर उनसे पूछताछ और उनके सामानों की तलाशी में एक अंतरराष्ट्रीय स्मगलिंग रैकेट का पर्दाफाश हुआ, जिसके जरिए दुबई से चोरी-छिपे हवाई यात्रा के जरिए गोल्ड व आईफोन की स्मगलिंग की जा रही थी।
पूछताछ में गाड़ी में सवार व्यक्ति आरफीन चौधरी व मोहम्मद इकबाल चौकी, जो कि दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके के रहने वाले हैं, उन्होंने बताया की जामा मस्जिद इलाके के ही एक व्यक्ति के कहने पर वह दोनों लखनऊ से स्मगलिंग के जरिए दुबई से लाए गए सोना और मोबाइल फोन लेकर आ रहे थे।
पता चला कि स्मगलिंग के लिए जामा मस्जिद में बैठे सरगना व दुबई में उसके साथी द्वारा दुबई से आने वाले पैसेंजर को फ्री टिकट और पैसे का लोभ देकर इस स्मगलिंग का हिस्सा बनाया जाता था और उन्हें एक खास तरह का पैंट पहनने के लिए दिया जाता था, जिसके कमर के हिस्से में व पैंट के बॉटम में एक कैविटी बनाकर पॉलिथीन के अंदर गोल्ड को पिघले हुए रूप में भर दिया जाता था और फिर पेंट की सिलाई कर दी जाती थी। इस प्रकार दुबई से बड़ी आसानी से गोल्ड की स्मगलिंग हो रही थी। इन लोगों को पता था कि लगेज में किसी भी तरह से छुपाने पर स्कैनिंग मशीन में गोल्ड का पता चल जाता है और गोल्ड लाने वाला पकड़ा जाता है। लिहाजा स्मगलिंग के लिए पैंट में छुपाकर गोल्ड लाने का तरीका अपनाया गया।
दुबई से आने वाला पैसेंजर एयरपोर्ट से बाहर आकर आरफीन और इकबाल से मिलता था और उनके गाड़ी में बैठकर अपना पहना हुआ पैंट छोड़ देता था और दूसरा पैंट पहन कर अपने गंतव्य स्थान को चला जाता था। इसी तरह से गोल्ड के साथ-साथ आईफोन भी दुबई से तस्करी करके लाया जा रहा था। पुलिस टीम द्वारा चेक करने पर आरफीन चौधरी व मोहम्मद इकबाल के पास एक बैग बरामद हुआ, जिसमें रखे हुए 2 जींस पैंट को चेक करने पर उसी प्रकार से कमर व बॉटम के हिस्से में छुपाए हुए पिघले हुए रूप में गोल्ड बरामद हुआ, जो वजन करने पर करीब 400 ग्राम पाया गया। साथ ही दुबई से लाया गया 4 आईफोन भी बरामद हुआ है।
बरामद गोल्ड की कीमत 20 लाख रुपए से ज्यादा बताई जाती है। वहीं स्मगलिंग कर लाए गए फोन पर 10-15 हजार का मुनाफा होता था।
उपरोक्त दोनों व्यक्तियों ने बताया की हवाई यात्रा शुरू होने के बाद लगभग हर सातवें और दसवें दिन वह दोनों लखनऊ जा रहे थे और दुबई से आने वाले औसतन तीन से चार पैसेंजर से इसी प्रकार स्मगलिंग किया हुआ गोल्ड और आईफोन लेकर आ रहे थे जो यह सारा काम दिल्ली में ही जामा मस्जिद के इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति के इशारे पर किया जा रहा था। दिल्ली से लखनऊ जाने के लिए इस पूरे रैकेट का सरगना टैक्सी सर्विस से टैक्सी बुक करता था और प्रत्येक ट्रिप के लिए आरफीन चौधरी और मोहम्मद इकबाल को ढाई ढाई हजार रुपए देता था ।
आरफीन चौधरी जामा मस्जिद के इलाके में रहता है और स्क्रैप का काम करता है। जबकि मोहम्मद इकबाल भी जामा मस्जिद के इलाके में ही रहता है और कॉटन वह स्क्रैप का काम करता है। दिल्ली पुलिस नारकोटिक्स सेल की टीम ने उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को व गाड़ी चालक को कस्टम के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया है, जिनके द्वारा इस रैकेट में शामिल अन्य व्यक्तियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।