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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने ड्राइवर की नौकरी की आड़ में कार लेकर चंपत हो जाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड ओला ड्राइवर राहुल चौहान को उसके प्रमुख सहयोगी दो स्क्रैप डीलर्स साबिर व भगत सिंह (कबाड़ी) के साथ गिरफ्तार कर लिया है। इनसे स्विफ्ट डेज़ीरे कार की इंजन, एक सिलिंडर व एक CNG गैस किट की बरामदगी के साथ, करीब आधा दर्जन मामलों के खुलासे की खबर है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
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यह कामयाबी मिली है, वसंतकुंज सब डिवीजन के ACP नरेश कुमार के निर्देशन तथा कापसहेड़ा थाने के SHO इंस्पेक्टर अनिल मलिक के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर विक्रांत सिंह, हेड कांस्टेबल दिग्विजय, कांस्टेबल अशोक, संजय व कपिल शामिल थे। पुलिस टीम ने इस गिरोह का खुलासा किया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद।
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पकड़े गए अपराधियों की पहचान गिरोह के मास्टरमाइंड राहुल चौहान, पुत्र ललित कुमार, निवासी मकान नंबर 607, दौलतराम कॉलोनी, दादरी, ग्रेटर नोएडा, जिला गौतम बुद्ध नगर (उत्तरप्रदेश), साबिर, पुत्र मोहम्मद सईद, निवासी मकान नंबर 78/47, नई बस्ती, निकट मस्जिद, बाड़ा हिन्दू राव (दिल्ली) व 27 वर्षीय भगत सिंह, पुत्र जसवंत सिंह, निवासी मकान नंबर 1/194, प्रथम तल, सुभाष नगर (दिल्ली) के रूप में हुई। इनमे राहुल चौहान की गिरफ्तारी यूपी के गौतम बुद्ध नगर इलाके से हुई। जबकि साबिर व भगत सिंह की गिरफ्तारी दिल्ली के अलग-अलग जगहों से हुई है।
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बता दें कि पेशे से ओला ड्राइवर राहुल चौहान पहले किसी कार मालिक के पास कुछ दिन ड्राइवर की नौकरी करता। फिर उपयुक्त अवसर मिलते ही कार लेकर चंपत हो जाता, जिसे वह अपने सहयोगी स्क्रैप डीलर्स साबिर व भगत सिंह को बेच देता था। इसके बाद यह दोनो स्क्रैप डीलर्स कार को काटकर, उसके पार्ट-पुर्जे बेच देते थे।
उल्लेखनीय है कि गत 1 फरवरी, 21 को महेंद्र सिंह नामक एक शख्स ने कापसहेड़ा थाने में एक शिकायत दर्ज कराई, कि राहुल चौहान नामक एक व्यक्ति बतौर ड्राइवर उनकी स्विफ्ट डेज़ीरे कार चलाता था, जो 24 जनवरी से उनकी कार लेकर फरार है। बतौर शिकायतकर्ता महेंद्र सिंह, उन्हें ड्राइवर राहुल चौहान ने अपना जो एड्रेस दिया था, वह फर्जी है।
उपर्युक्त शिकायत के बाद पुलिस टीम अथक प्रयास से इस गिरोह के खुलासे में सफल हुई। बहरहाल पुलिस टीम की तफ्तीश जारी है।