नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने विदेश मंत्रालय को इस बात का खुलासा करने का निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्रा के दौरान निजी क्षेत्र के कौन-कौन लोग जाते हैं। एक आरटीआई एक्टिविस्ट की अपील पर सीआईसी ने यह निर्देश दिया।
आरटीआई एक्टिविस्ट कराबी दास का आरोप था कि उसे इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद वह सीआईसी की शरण में गए। दास ने कहा कि उन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी थी कि 2015 से 2017 के बीच निजी क्षेत्र से कौन-कौन से लोग (यानी जो सुरक्षा से जुड़े या सरकारी अधिकारी न हों) पीएम के साथ विदेश यात्राओं पर गए थे। लेकिन पीएमओ ने इसके बारे में अधूरी जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय ने भी कथित रूप से इसका जवाब देने से इंकार किया था। विदेश मंत्रालय ने मख्य सूचना आयुक्त आर।के। माथुर को बताया कि पीएम मोदी के साथ कौन लोग विदेश गए इसकी जानकारी वह नहीं दे सकता, क्योंकि उसके पास सिर्फ पीएम की यात्रा की तिथियों और उनकी उड़ानों पर होने वाले खर्च का ही ब्योरा रहता है।
कराबी ने इसके बारे में इस साल जनवरी में पीएमओ से जानकारी मांगी थी। कराबी का साथ देने वाले जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल ने सीआईसी को बताया कि विदेश मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी देने के लिए 224 रुपये का शुल्क मांगा था, जिसका भुगतान भी किया गया, लेकिन जवाब नहीं मिला। विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि ने सीआईसी को आश्वासन दिया कि इस मसले को देखा जाएगा।
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