
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में क्या महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं? इस सवाल का जवाब मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। जिसके अनुसार मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं होगी। अब वे भी पूजा के लिए मंदिर में प्रवेश पा सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, अपना और जस्टिस खानविलकर का फैसला पढ़ रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस नरीमन अपना अलग फैसला कुछ देर में देंगे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि आस्था के नाम पर लिंगभेद नहीं किया जा सकता है। कानून और समाज का काम सभी को बराबरी से देखने का है। महिलाओं के लिए दोहरा मापदंड उनके सम्मान को कम करता है।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश दिए जाने को लेकर लंबे समय से मांग उठती रही है, जिसका मंदिर प्रबंधन लगातार विरोध करता रहा है। एंट्री को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय बेंच ने अगस्त में पूरी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था।
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