नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक उपयोग के लिए हिंदी के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकारी कामकाज में सरल हिंदी का इस्तेमाल करने की जरूरत है। सरकारी और सामाजिक हिंदी के बीच फासला कम करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि शिक्षा संस्थान इस अभियान की अगुवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तमिल जैसी, विश्व की प्राचीनतम भारतीय भाषाओं पर भारतीयों को गर्व हैं। देश की सभी भाषाएं हिंदी को भी समृद्ध कर सकती हैं।
बता दें कि मोदी ने गुरुवार 06 सितम्बर को केंद्रीय हिंदी समिति की 31वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिंदी भाषा का प्रसार, आम बोलचाल की भाषा में ही होना चाहिए और सरकारी कामकाज में भी क्लिष्ट तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल कम से कम किया जाना चाहिए।
इस सम्बन्ध में उन्होंने सरकार की एक भारत, श्रेष्ठ भारत पहल का उल्लेख किया। मोदी ने विश्वभर में अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के माध्यम से, पूरी दुनिया से जुड़ा जा सकता है।
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