आतंक का पर्याय शाहनवाज दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा

नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश व दिल्ली के यमुनापार इलाके में पिछले करीब एक साल से आतंक का पर्याय बने कुख्यात अंतरराज्यीय लुटेरा शाहनवाज को उसके दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए दोनो अन्य बदमाशों की पहचान शाहिल उर्फ सल्लू और राहुल गुप्ता के रूप में हुई है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

पुलिस गिरफ्त में आये तीनो बदमाश दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद(यूपी) के लोनी स्थित अल्वी नगर के रहने वाले हैं। गिरोह के खुलासे से लुटपाट सहित 10 सनसनीखेज वारदातों का खुलासा हुआ है, जो इन्होंने उत्तरप्रदेश व दिल्ली के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अंजाम दिए थे।

पकड़े गए आरोपियों के पास से एक लोडेड देशी तमंचा, एक डमी तमंचा, एक चाकू व चार जिंदा कारतूस के अलावा विभिन्न इलाकों से लुटे व चोरी किये गए दो बाइक, पांच वायरलेस सेट, ग्यारह मोबाइल फ़ोन, दो लैपटॉप, एक गोल्ड चैन और चार बैग की बरामदगी हुई है।

खबर के अनुसार गिरोह का मास्टरमाइंड 24 वर्षीय शाहनवाज है, जिसके खिलाफ दिल्ली व उत्तरप्रदेश के विभिन्न थानों में कई संगीन मामले दर्ज हैं। यह पहले भी उत्तरप्रदेश व दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार हो चुका है।

बता दें कि इस गिरोह ने ही 22 मार्च की तड़के करीब तीन बजे लुटपाट का विरोध करने पर अरुण नामक एक शख्स को गोली मार दी। बाद में इलाज के दौरान अरुण की मौत हो गई थी।

तीनो आरोपियों को एन्टी स्नेचिंग रॉबरीसेल, उत्तर पूर्व दिल्ली की टीम ने कच्ची खजूरी स्थित पुश्ता रोड से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब यह तीनों दिल्ली के अंकुर विहार (करावल नगर) से चुराई गयी बाइक पर लोनी से खजूरी खास की तरफ आ रहे थे।

एसीपी गजेंद्र कुमार के निर्देशन व उत्तर पूर्व दिल्ली ‘एन्टी स्नैचिंग रॉबरी सेल’ के प्रभारी इंस्पेक्टर विनय यादव के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम ने इन तीनो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस टीम में तेज-तर्रार हेड कांस्टेबल सुनील कुमार, हेड कांस्टेबल अनिल और हेड कांस्टेबल सचिन के अलावा करीब आधा दर्जन अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे। आरोपियों की गिरफ्तारी में हेड कांस्टेबल सुनील कुमार की भूमिका सराहनीय बताई जाती है।

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