गीतिकाव्य को आगे बढा रहे हैं मणिकांत

नई दिल्ली। मैथिली में गीतिकाव्य की परंपरा को कवि गीतकार मणिकांत झा लगातार आगे बढा रहे हैं। समसामयिक विषयों और मिथिला की परंपरा को समेटे उनकी तेरह पुस्तकें लोगों को पढने के लिए विवश कर रही हैं। नई दिल्ली में सामाजिक एंव सांस्कृति संस्था सुगति सोपान के तत्वावधान में मणि गीत रचना महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में समीक्षक श्री वागेश्वर झा श्रीदेव, श्री विष्णुदेव झा विकल, डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक, श्रीमती कल्पना झा, श्री अशोक ज्योति, श्री संजीत कुमार सरस, श्री कैलाश मिश्रा, श्री मणिकांत झा ने पुस्तकों के समीक्षा के क्रम में कवि-गीतकार के विभिन्न आयाम को बताया। सुगति सोपान की अध्यक्ष व लेखिका कुमकुम झा ने कहा कि दिल्ली के लोग मैथिली गीतिकाव्य परंपरा से अवगत हों, इसलिए यह आयोजन किया गया। साहित्य व सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उसके परिमार्जन के लिए हमारी संस्था लगातार कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष श्री करण सिंह तंवर ने अपने विचार रखे और दिल्ली में मिथिला की धमक को बताया। वहीं, भाजपा नेता श्री गोपाल झा ने भी अपने विचार रखे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री प्रदीप चोधरी, श्री बागेश्वर झा श्रीदेव, आईटीबीपी के एडीजी श्री राकेश कुमार मिश्रा, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा, श्री मणिकांत झा उपस्थित रहे। मंच का संचालन डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक व किसलय कृष्ण ने किया। दीप प्रज्वलन के समय में वेद मंत्रोच्चार कुमार गंधर्व ने किया। स्नेहा झा ने गोसाउनिक गीत और स्वागत गीत गाया।

इस आयोजन के जरिए एक नई बात देखने को आई कि साहित्य के विकास में अब शिक्षण संस्थान भी आगे आ रहे हैं। महोत्सव के दौरान अखिलेश कुमार झा की पुस्तक नीर भरल नयन का लोकार्पण किया गया। कई अतिथियों को आयोजक की ओर से सम्मानित किया गया।

 

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