दिल्ली: कश्मीरी गेट के बहुचर्चित लूटकांड में दो गिरफ्तार, क्राइम ब्रांच(STARS-2) के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार की टीम ने धरा

नई दिल्ली। राजधानी के कश्मीरी गेट थाना क्षेत्र में हालिया घटित बहुचर्चित साढ़े छह लाख की सनसनीखेज लूटकांड का खुलासा हो गया है। मामले में दिल्ली पुलिस ने वारदात में संलिप्त दो मुख्य आरोपियों मनीष कुमार उर्फ टिल्लू व करण कुमार को गिरफ्तार कर उनके पास से एक आई-टेन कार की भी बरामदगी कर ली है, जो इन्होंने इस वारदात के बाद लूट की रकम से खरीदी थी। इसके अलावा इनसे वारदात में इस्तेमाल स्कूटी व दो मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।
यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच(STARS-2, शकरपुर) के ACP अरविंद कुमार के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर दिनेश कुमार के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को।

इंस्पेक्टर दिनेश कुमार


पुलिस टीम के हत्थे चढ़े दोनो आरोपियों में मनीष कुमार उर्फ टिल्लू पर विभिन्न थानों में पहले से डकैती व चोट के तीन मामले दर्ज हैं। मकान नंबर- 20/60, ईस्ट मेहराम नगर, दिल्ली का रहने वाला 35 वर्षीय शातिर अपराधी मनीष कुमार उर्फ टिल्लू, पुत्र स्वर्गीय कमाल सिंह लूट/हत्या के एक मामले में जेल में बंद था। लेकिन कोविंद पैरोल पर जेल से बाहर आते ही पुनः आपराधिक पेशे में संलिप्त हो गया था। जबकि मकान नंबर A/13-642, बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, दिल्ली का रहने वाला 22 वर्षीय करण कुमार, पुत्र किशोर सिंह पर पहले से डकैती का मामला दर्ज है।
बता दें, बवाना इंडस्ट्रियल एरिया इलाके में स्थित एक निजी कंपनी में कैशियर के पद पर कार्यरत पंकज गर्ग 17 अगस्त की सुबह पार्टी से पेमेंट कलेक्ट करने चांदनी चौक आये थे। वह एक बैग में करीब छह लाख रुपये नकद भुगतान एकत्र कर दोपहर सवा एक बजे अपनी स्कूटी से वहां से बवाना स्थित अपनी कंपनी के लिए रवाना हुए। जब वह करीब डेढ़ बजे कश्मीरी गेट इलाके में स्थित यमुना बाजार के पास पहुंचे, तभी बाइक व स्कूटी पर सवार कुछ बदमाशों ने अचानक उन्हें रोक लिया और उनसे रुपया भरा बैग व उनकी स्कूटी की चाभी उनसे जबरन छीनकर वह सभी बदमाश आईएसबीटी की तरफ भाग गए थे। घटना के बाद पीड़ित पंकज गर्ग ने इस बाबत घटना की सूचना स्थानीय थाने कश्मीरी गेट थाने में दी, तो पुलिस ने इस बाबत उनके बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
गिरफ्तार दोनो आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया, कि उन्होंने अपने दो अन्य साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था। बकौल दोनो आरोपी, वह चांदनी चौक इलाके में आने-जाने वाले उन लोगो पर निगाह रखते थे, जो उस इलाके में भुगतान एकत्र करने आते थे। रेकी का बाद जब वह चिन्हित शिकार को भुगतान एकत्र कर वहां से निकलते देखते, तो उसके पीछे लग जाते और उपयुक्त अवसर मिलते ही रास्ते मे उसे लूट लेते थे। इस मामले में भी उन्होंने इसी तरह वारदात को अंजाम दिया था।