दिल्ली: दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने किया ‘दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा तैयार ‘दिल्ली सड़क दुर्घटना रिपोर्ट- 2021’ का विमोचन

नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर IPS संजय अरोड़ा ने दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा तैयार की गई “दिल्ली सड़क दुर्घटना रिपोर्ट- 2021” का विमोचन किया। इस पुस्तक में वर्ष 2021 के दौरान हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण, दुर्घटनाओं के कारणों, प्रतिरूप तथा सड़क बनावट, यातायात नियमन और अभियोजन में सुझाव शामिल किये गए हैं।

बता दें कि पारंपरिक तरीके से हटते हुए यह पहली बार है कि ‘दिल्ली यातायात पुलिस’ ने इस वार्षिक रिपोर्ट में ‘दुर्घटना’ शब्द को ‘टक्कर’ से बदल दिया है, जिसे पहले ‘दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं’ के रूप में शीर्षक दिया जाता था। यह परिवर्तन इस आधार पर किया गया है कि “टक्कर” ऐसी घटनाएं हैं, जिन्हें रोका जा सकता है, और तर्कसंगत विश्लेषण और उपचारात्मक कार्रवाई के लिए खुली हैं। जबकि “दुर्घटनाएं” सुझाव देती हैं कि वे अपरिहार्य हैं। यह परिवर्तन सरकार को साक्ष्य-आधारित और लक्षित हस्तक्षेपों और कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क पर जीवन बचाने में अधिक सक्रिय होने का अधिकार देता है।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने वीरेंद्र सिंह (विशेष पुलिस आयुक्त, यातायात प्रबंधन प्रभाग/क्षेत्र-1) और सुरेंद्र सिंह यादव (विशेष पुलिस आयुक्त, यातायात प्रबंधन प्रभाग/ क्षेत्र-2) के साथ रिपोर्ट जारी की।
उल्लेखनीय है कि 2021 की दिल्ली सड़क दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में दिल्ली में 4,720 सड़क दुर्घटनाओं में 1,239 लोगों की मौत हो गई और 4,273 लोग घायल हुए हैं तथा वर्ष 2020 की तुलना में घातक दुर्घटनाओं में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के अनुसार “वर्तमान सबूतों के आधार पर “टक्कर” को रोका जा सकता है और ‘दुर्घटना’ को नहीं, हम विश्लेषण के वर्षों के माध्यम से जानते हैं कि इन टक्करों की पहचान और रोकथाम की जा सकती है। यह दुर्घटनाओं को रोकने और जीवन बचाने की दिशा में काम करने का एक सचेत प्रयास है, जो दिल्ली यातायात पुलिस कई वर्षों से कर रही है। पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली यातायात पुलिस के प्रयासों से पिछले एक दशक में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कुल 34 प्रतिशत की कमी आई है। जीवन बचाने के अपने प्रयास को जारी रखते हुए हमने अब पैदल यात्री केंद्रित यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया है।
रिपोर्ट में पैदल चलने वालों को सबसे अधिक तथा दोपहिया वाहन चालकों को उनके बाद असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के रूप में पहचाना गया है, जो 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए कुल व्यक्तियों का क्रमशः 41 प्रतिशत और 38 प्रतिशत है।
वीरेंद्र सिंह (विशेष पुलिस आयुक्त, यातायात प्रबंधन प्रभाग/क्षेत्र-1) के अनुसार “सड़क दुर्घटनाएं न केवल दुर्घटना में शामिल व्यक्तियों की आजीविका को प्रभावित करती हैं, बल्कि पीड़ित परिवारों पर भी लंबी छाप छोड़ती हैं। यह अक्सर लोगों को गरीबी के कगार पर धकेलता है और भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रति वर्ष सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3-5 प्रतिशत खर्च होता है, जिसका सीधा असर हमारे देश के विकास पर पड़ता है। दिल्ली यातायात पुलिस का ध्यान सुचारू यातायात प्रबंधन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने और विशेष रूप से असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सडकों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, उनकी डिजाइन और मानकों में सुधार करना है”।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (जोन 2) के स्पेशल पुलिस कमिश्नर IPS सुरेंद्र सिंह यादव के अनुसार “चूंकि पैदल यात्री, साइकिल चालक और मोटरसाइकिल चालक सबसे ज्यादा असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता हैं, इसलिए पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और मोटर साइकिल चालकों के लिए सड़क सुरक्षा उपायों जैसे हेलमेट व जेब्रा क्रासिंग का अधिक उपयोग करने पर और उनके लिए अतिक्रमण मुक्त सुरक्षित पैदल मार्ग बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने शीर्ष दुर्घटना वाले स्थानों पर मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सडकों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, उनकी डिजाइन और मानकों में सुधार करने पर जोर दिया है”।
दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार शीर्ष दुर्घटना वाले 10 “ब्लैक स्पॉट” भलस्वा चौक, पंजाबी बाग चौक, मुकरबा चौक, जखीरा फ्लाईओवर, लिबासपुर बस स्टैंड, मुकुंदपुर चौक, मोती बाग फ्लाईओवर, नंगली पूना, सिरसपुर और शास्त्री पार्क हैं, जहाँ पर वर्ष 2021 में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं।
इसके अलावा आउटर रिंग रोड, रिंग रोड, रोहतक रोड, जीटीके रोड और नजफगढ़ रोड दिल्ली में सबसे अधिक दुर्घटना संभावित सड़कों की सूची में शामिल हैं। रिपोर्ट में पैदल चलने वालों और मोटरसाइकिल चालकों के लिए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की भी पहचान की गई है, जहां बाहरी रिंग रोड और रिंग रोड सड़क उपयोगकर्ताओं के दोनों समूहों के लिए दो शीर्ष दुर्घटना संभावित क्षेत्र थे ।
रिपोर्ट www.delhitrafficpolice.nic.in और www.delhipolice.gov.in पर भी उपलब्ध है ।