दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (SOS-1) ने खोला, दिल्ली की एक बड़ी लूट का राज!

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की SOS-1 की टीम ने पिछले दिनों घटित एक बड़ी लूट का खुलासा किया है। मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों में एक जहरखुरानी गिरोह का सरगना बताया जाता है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (SOS) की तेज-तर्रार एसीपी श्वेता चौहान के निर्देशन तथा अनुभवी इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में गठित क्राइम ब्रांच की एक विशेष पुलिस टीम ने इस वारदात का खुलासा किया है। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद। इस पुलिस टीम में ASI शैलेंद्र, ASI आनंद पाल, हेड कांस्टेबल रविंद्र जून, हेड कांस्टेबल अजय, हेड कांस्टेबल रवि खारी, हेड कांस्टेबल दिनेश, कांस्टेबल आज़ाद सिंह व कांस्टेबल नवीन शामिल थे।

पुलिस टीम ने लुटे गए दो ट्रक व उनमें रखे करीब डेढ़ करोड़ की कीमत के सामानों की भी बरामदगी कर ली है। पिछले दिनों माल सहित दोनो ट्रक तब लूट लिये गए, जब यह ट्रक दिल्ली के स्वरूपनगर इलाके से माल लेकर चेन्नई के लिये चले थे। उसी दौरान लुटेरों ने रास्ते मे दोनो ट्रकों के ड्राइवर व क्लीनर को दिल्ली से सटे उत्तरप्रदेश के साहिबाबाद इलाके में फेक दिया और माल सहित दोनो ट्रक ले उड़े थे। घटना के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा इस बाबत दिल्ली के स्वरूपनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े दोनो आरोपियों की पहचान वारदात के मास्टरमाइंड मदनपाल, पुत्र रामभरोसे, निवासी स्वरूपनगर (दिल्ली) और पेशे से कबाड़ी व जहरखुरानी गिरोह के सरगना कासिम खान उर्फ गुरु, पुत्र स्वर्गीय बाबू खान के रूप में हुई है। बता दें कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिये जहरीला ड्रिंक का इस्तेमाल किया, जो इन्होंने ट्रक ड्राइवर व क्लीनर को किसी बहाने पिला दिए थे।

घटना में सबसे रोचक पहलू यह है कि जिस शख्स के दोनों ट्रक लुटे गए, वही इस वारदात का मास्टरमाइंड हैं। जी हां, मदनपाल। दरअसल मदनपाल ने कर्ज से मुक्ति व कर्जदारों से सहानुभूति के लिए कासिम खान के साथ मिलकर खुद ही बेहद ही शातिराना अंदाज में इस वारदात का ताना-बाना बुना था। लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने सफल तफ्तीश कर इसके इस चाल पर पानी फेर दिया। और यह अब कासिम के साथ सलाखों के पीछे है।

खबर के अनुसार मदनपाल ने कर्ज लेकर पांच ट्रक व एक कार खरीदे थे। पांचों ट्रक तो इसने एक बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी में लगवा रखे थे। जबकि कार अपने निजी उपयोग के लिये रखा था। इधर कुछ माह से कर्ज वापसी के लिए इसपर दबाव पड़ने लगा। जबकि यह कर्ज वापस कर पाने में असमर्थ था। लिहाजा इसने कासिम खान के साथ मिलकर यह ताना-बाना बुना।

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