न्याय धर्म सेवा का ‘डिजिटल कर्रेंसी सिस्टम’ लागू करने हेतु सघन अभियान

दिल्ली -न्यायधर्मसभा के बैनर तले कनाट प्लेस ग्राउंड में 111 न्याय प्रस्तावों पर शांतिपूर्वक एवं लोकतांत्रिक तरीके से परिचर्चा एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया गया ।

न्यायधर्मसभा एक सामाजिक संस्था है जो विगत 27 वर्षों से समाज एवं राष्ट्र में न्याय की स्थापना के लिये शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से कार्य कर रही है । 111 न्याय प्रस्तावों के प्रतिपादक, संस्थापक एवं मार्गदर्शक श्री अरविंद ‘अंकुर’ जी ने 111 न्याय प्रस्तावों को सरकार एवं समाज के समक्ष रखा गया है । इन प्रस्तावों पर केंद्र सरकार ने अनेक प्रस्तावों को क्रियान्वयन भी किया है । इसी क्रम में न्यायस्थापना को और अधिक गति देने के लिये देश की जनता को सभाओं, परिचर्चा, संगोष्ठी, तथा मीडिया के माध्यम से जन जन तक पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है । नुक्कड़ नाटक में जनाधिकार का महत्व समझाया गया जिसमें सुशील राणा जी,किशन शर्मा जी,संदेश जी,कुलदीप नेगी जी,मृत्युंजय कुमार ने भाग लिया । राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चन्द्रसेन जी ने बताया १११ न्यायशील प्रस्तावों केंद्र सरकार को भेजे गए हैं जिन पर माननीय मोदी जी ने गंभीरता दिखाते हुए 20 से अधिक प्रस्तावों को क्रियान्वयन किया है । उत्तराखंड प्रभारी किशन जी ने कहा जनता को जनाधिकार- शिक्षा, रोजगार, सुबिधा और संरक्षण देना ही सरकार का प्रमुख कार्य है । सुशील राणा जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि न्याय कहता है कि एक को शिक्षा मिले तो दूसरे को भी मिले , एक को रोजगार मिले तो दूसरे को भी रोजगार मिले । लेकिन ऐसा हो नही रहा क्यो ? क्योंकि देश की ब्यबस्था अभी न्यायशील नहीं है । बस यही करना है । देश की ब्यबस्था न्यायशील होगी 111 न्याय प्रस्तावों द्वारा ।

दिल्ली प्रभारी नरेंद्र रावत जी ने कहा न्याय प्रस्तावों द्वारा लक्ष्य 2025 न्यायशील भारत निश्चित है । संदेश जी ने कहा न्याय का प्रचार ही न्याय का विस्तार है । अन्याय का विरोध नहीं बल्कि न्याय का प्रचार करने की आवश्यकता है ।

संजय श्रीवास्तव जी ने कहा सरकार का प्रमुख कार्य केवल चार ही हैं शिक्षा,रोजगार,सुबिधा और सरंक्षण प्रदान करना है । इस मौके पर न्यायधर्मसभा के कई राज्यों के प्रभारी ,तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कार्यकर्ता अजीत मिश्रा जी ,विजय राय जी, कुलदीप नेगी जी,सिन्हा जी,अमित कुमार जी,एम के सिंह जी,रोहित जी,संजय जी,रोहित चढ़ार ,नीरज उपाध्याय जी,जगदीश राजौरिया जी,स्वामी जी,देवेंद्र जी,वरुण जी,रोशन रावत,संजय रावत,अरविंद रावत,सुभाष रावत,के एन भट्ट, सत्यजीत सिंह, विनीत शर्मा,रजनीश,अमित सिंह ,सुनील कनवासी ,मनीष शर्मा ,डी के सिंह,रघुवेन्द्र सिंह,ऐ के पाल, सुधीर जी,निशांत,सुशांत,योगेंद्र शर्मा,कविता दत्त,पदम राणा,सूरज रावत,संदीप राणा,सुरेंद्र चौहान,राजीव,पुष्कर रावत आदि मौजूद रहे ।

आंकिक मुद्रा प्रणाली के प्रभाव:-

1) भ्रष्टाचार से मुक्ति

2) कालेधन से मुक्ति

3) नकलीमुद्रा से मुक्ति

4) टैक्सचोरी से मुक्ति

5) अन्य मौद्रिक अपराधों से मुक्ति

न्यायधर्मसभा द्वारा प्रस्तावित ‘आंकिक मुद्रा प्रणाली’ लागू करने से व्यापक देशहित एवं जनहित सधेगा एवं अनेक समस्याओं का तुरन्त समाधान होगा तथा अनेक सकारात्मक प्रभाव समाज एवं राष्ट्र पर पड़ेंगे।

1. भ्रष्टाचार, कालाधन, नकलीमुद्रा, टैक्सचोरी एवं अन्य मौद्रिक अपराध तुरन्त एवं पूर्णतः समाप्त हो जायेंगे।

2. व्यक्ति का सुधार नहीं करना पड़ेगा। व्यवस्था के सुधार से ही व्यक्ति सुधरे हुए सिद्ध होंगे।

3. जिसके पास जितनी भी नगदी है, वह ज्यों की त्यों बैंकों में जमा हो जाएगी। व्यक्ति पर टैक्सचोरी के अपराध का भी आरोपण नहीं होगा।

4. व्यवस्था के दोष से ही समाज में सभी अपराध होते हैं। अतः व्यक्तियों (नागरिकों) को अपराधी सिद्ध नहीं किया जाएगा। अतः आर्थिक जमा पर जनता पर कोई दण्ड, पेनाल्टी, टैक्स, सजा, जेल, कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होगी।

5. नोटों का बदलने के लिए बैंक में लम्बी-लम्बी लाइनें और बाजार की आपाधापी तुरन्त समाप्त हो जाएगी।

6. जनता के पास जो भी स्थूल सम्पत्ति होगी, उसकी लिस्ट बनाकर जमा कर दी जाएगी, वह भी डिजिटल हो जाएगी।

7. कालाबाजारी, माफियागिरी, स्मगलिंग पूर्णतः समाप्त हो जाएगी।

8. गन्दी राजनीति का स्वतः अन्त हो जाएगा तथा स्वच्छ राजनीति का उदय होगा।

10.बैंक की पासबुक में कैश एवं काइण्ड के लिए दो कालम होंगे। नगदी और वस्तुओं का लेन-देन या आदान-प्रदान डिजिटल रूप में होगा, जिससे सम्पूर्ण धन-सम्पत्ति व्हाइट होगी, कुछ भी ब्लैक नहीं होगा।

11.धातुज सिक्के और कागजी नोट पूर्णतः समाप्त हो जाएँगे। मुद्रा केवल लिखित अंकों के रूप में ही चलेगी, जिससे खोने, फटने, गिरने, लुटने, जेब कटने, चोरी होने के खतरे तुरन्त समाप्त हो जायेंगे।

12.सिक्के और नोटों की ढलाई, ढुलाई, छपाई, गिनाई, सुरक्षा, भण्डारण आदि की समस्या और उन पर होने वाला भारी व्यय पूर्णतः समाप्त हो जाएगा।

13.सरकारी कार्यों में घूसखोरी, धन की हेराफेरी, गबन, घोटाला, जालसाजी पूर्णतः समाप्त हो जाएगी।

14.सरकार और जनता दोनों ही स्वतः नैतिक और ईमानदार हो जायेंगे।

15.आंकिक मुद्रा लागू होने पर राजकोष का 100 प्रतिशत सदुपयोग प्रारम्भ हो जाएगा। अर्थात् दुरुपयोग की सभी संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी।

16.मुद्रा डिजिटल होने पर तरलीकरण सरल होगा और मुद्रानिगमन की लागत समाप्त हो जाएगी। अतः मुद्रा पर व्याज, टैक्स आदि भार आरोपित करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। तब निव्र्याज व निर्भार मुद्राप्रचाालन प्रारम्भ हो जाएगा।

17.‘आंकिक मुद्रा’ लागू होने पर सभी टैक्स समाप्त करके एकमात्र राजस्व की कटौती सीधे बैंक अकाउंट पर करके टैक्सेशन की भयंकर समस्याओं से तुरन्त छुटकारा हो जाएगा तथा तरलीकरण भी सरल हो जाएगा, जिससे राष्ट्र का आर्थिक विकास महागति को प्राप्त हो जाएगा।

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