भारतीय वैज्ञानिकों के लिए मन में अपार स्नेह और सम्मान का भाव- डॉ सत्यपाल सिंह

नईदिल्ली-

दरअसल मानव जीवन ही विज्ञान से संचालित होता है या अगर दूसरे शब्दों में कहें तो विज्ञान के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। अपनी मान्यता को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने नोबल पुरस्कार विजेता महान वैज्ञानिक डॉ सीवी रमन का जन्म दिन के तौर पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के इस मौके पर भारतीय वैज्ञानिक को हार्दिक बधाई देते हुए डार्विन के विकासवाद पर अपने बयान को लेकर उठे सवाल का पटाक्षेप कर दिया।

डॉ सत्यपाल सिंह ने देश के लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने जोर देते हुए साफ तौर कहा कि हर छात्र की बेसिक विज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि इसके बिना न तो देश आगे बढ़ सकता है और संवृद्ध हो सकता है। उनके मुताबिक, लोगों के बीच विज्ञान के प्रति रुझान पैदा करने के साथ स्कूल और कॉलेजों में स्तर पर विज्ञान की पढ़ाई को प्रोत्साहित करना आज के दौर में सख्त जरूरत है। डॉ सत्यपाल सिंह के मुताबिक विज्ञान में रुझान का मतलब है, वर्तमान स्थिति के बारे में हमारे दिमाग में हमेशा सवाल होने चाहिए और हम सवालों का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहे। सटॉकहोम स्थित रॉयल स्वीडिश विज्ञान एकेडमी हॉल की पंच लाइन का संदर्भ देते हुए डॉ सत्पाल सिंह ने कहा कि विज्ञान विपरीत धारणा से उपजता है और कभी कभी गलत धारणा में भी।

इस बाबात डॉ सिंह ने अपनी यह बात भी जोड़ा कि बहुत सारे वैज्ञानिक सिद्धांतों में समय के साथ बदलाव आया है या वे इस बावत डॉ सिंह ने अपनी यह बात भी जोड़ा कि बहुत सारे वैज्ञानिक सिद्धांतों में समय के साथ बदलाव आया है या वे सिद्धांत बदले गए हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि डार्विन के विकासवाद पर भी चर्चा करें। मीडिया में हाल के दिनों आए अपने बयान को लेकर डॉ सत्यपाल सिंह ने स्पष्ट किया कि विकासवाद पर उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह अपनी व्यक्तिगत समझ है, इससे सरकार या पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। जीवन पर विज्ञान का छात्र होने के नाते यह बात उन्होंने कहा है। तीन दशक तक भारतीय पुलिस सेवा और अब राजनीति में सक्रिय तौर पर होना यह मजह संयोग और लोगों की सेवा करने की प्रबल इच्छाशक्ति का नतीजा है, जबकि उन्होंने एक वैज्ञानिक बनना चाहा था। डॉ सत्यपाल सिंह के मुताबिक अपनी व्यक्तिगत अवधारणा के आधार पर उन्होंने कभी भी पाठ्यक्रम में बदलाव की बात नहीं की। इसे बिल्कुल गलत तरीके से समझा और तोड़ मरोड़कर लोगों को समझाया गया है। इस क्रम में डॉ सिंह ने आर्यभट्ट से लेकर होमी जहांगीर भाभा, एपीजे अब्दुल कलाम और सीवी रमन जैसे महान वैज्ञानिकों की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा कि उनके मन में भारतीय विज्ञान और वैज्ञानिकों के लिए अपार स्नेह और सम्मान का भाव हमेशा से रहा है।

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