सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की तिरछी नजर!

नई दिल्ली। भारतीय थल सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय ठग गिरोह के तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार करने के बाद अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (STARS-1) की टीम की विशेष नजर गिरोह के पूरे नेटवर्क पर है। पुलिस टीम गिरोह के तह तक को खंगालने में जुटी है। संभावना है कि मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारियां जल्द हो सकती है। इनमे कुछ सफेदपोश हों, इस संभावना से इनकार नही कर सकते।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉक्टर रामगोपाल नाइक मामले की जांच में किसी भी तरह की ढिलाई देने के पक्ष में नही हैं। डीसीपी नाइक लगातार इस मामले पर खुद नजर रखे हुए हैं। गिरोह के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना डीसीपी नाइक की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

यही वजह है कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की STARS-1 टीम उक्त सभी संभावित नजरिये से मामले की पड़ताल में जुटी है, जिससे सभी आरोपी पकड़े जा सकें। सूत्र का कहना है कि मामले की जांच के दौरान पुलिस टीम गिरोह के तह तक पहुंच चुकी है, जिसका सार्थक परिणाम जल्द सामने आएगा।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की STARS-1 की टीम ने इस गिरोह के तीन प्रमुख शातिर सदस्यों अमित कुमार उर्फ अमित फौजी, सुनील कुमार उर्फ जोगी और देवेंद्र को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। भारतीय थल सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले इन तीनो जालसाजों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि इनके गिरोह के नेटवर्क दिल्ली से बाहर तक हैं। इनसे यह भी पता चला था कि यह गिरोह अबतक कई बेरोजगार युवकों को सेना में नौकरी दिलाने का आकर्षक सब्जबाग दिखाकर उनसे मोटी रकम ऐंठ चुका है।

बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉक्टर रामगोपाल नाइक को हरियाणा के चरखा दादरी निवासी सुधीर नामक एक छात्र ने इस बाबत शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार थल सेना में नौकरी का झांसा देकर पांच लाख रुपये की ठगी की बात कही गई थी। इसी बीच तिलक राज व सूरज नामक दो अन्य पीड़ित छात्रों ने ठीक इसी तरह की शिकायत दी थी। डीसीपी नाइक ने पीड़ित छात्रों की शिकायत को गंभीरता से लिया।

डीसीपी डॉक्टर रामगोपाल नाइक ने इस गोरखधंधे के खुलासे का दायित्व क्राइम ब्रांच (STARS) के तेज-तर्रार एसीपी ईश्वर सिंह को दिया। एसीपी ईश्वर सिंह ने मामले की जांच के लिये इंस्पेक्टर रमेश लाम्बा के निर्देशन तथा सब इंस्पेक्टर चंदन कुमार व सब इंस्पेक्टर नागेंद्र के संयुक्त नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। इस टीम में ASI प्रियव्रत, ASI रमेश चंद्र, हेड कांस्टेबल संदीप, हेड कांस्टेबल विनोद, हेड कांस्टेबल विजेंद्र, हेड कांस्टेबल हरिकृष्ण और कांस्टेबल मनोज शामिल थे। इसके बाद पुलिस टीम ने सभी संभावित पहलुओं पर बारीकी पूर्वक पड़ताल के बाद उपर्युक्त तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

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