दिल्ली की जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल बतायें कि उनकी सरकार बेघरों को आश्रय देने में विफल क्यों रही

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी आज एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार स्कूल फीस वृद्धि, मैक्स सहित निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से आर्थिक लूट एवं ठंड से हो रही मौतों, 16 करोड़ रूपये के आयुष घोटाले और डी.टी.सी. की बसों की कमी और यात्रियों की घटती संख्या पर दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेह है।  पत्रकार सम्मेलन में प्रवक्ता श्री हरीश खुराना, श्री प्रवीण शंकर कपूर, श्रीमती टीना शर्मा, मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ और सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी उपस्थित थे।

श्री तिवारी ने कहा कि स्कूल फीस वृद्धि, अस्पतालों की लूट, ठंड से मृत्यु और आयुष घोटाले इन सब पर सामने आये समाचारों पर दिल्ली सरकार की लीपा-पोती के बाद एक सवाल सामने आता है कि हम खुद को दिल्ली का मालिक कहने वाले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जनता के रक्षक के रूप में देखें या राक्षस के रूप में।

स्कूल फीस वृद्धि पर विस्तार से बोलते हुये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार की मिलीभगत के चलते स्कूलों ने छात्रों के अभिभावकों को 10,000 से 40,000 तक बकाया राशि भुगतान करने के नोटिस छात्रों के माध्यम से भेजे हैं और इनके चलते न सिर्फ अभिभावक बल्कि छात्र भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

दो दिन पूर्व जनविरोध एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता एवं भाजपा संगठन द्वारा फीस वृद्धि के संबंध में सरकार द्वारा बनाई कमेटी को एक छलावा मात्र बताये जाने के बाद कल सरकार ने पुनः फीस वृद्धि मामले में लीपा-पोती करने के प्रयास किये हैं जो कि जनता को गुमराह करने का एक प्रयास मात्र है।

श्री तिवारी ने कहा कि पिछले दो दिनों में अनेक स्कूलों से जुड़े अभिभावक संघों के प्रतिनिधि मुझसे मिले हैं और निजी स्कूलों द्वारा फेजे जा रहे नोटिसों की कापी मुझे दी है।  इन नोटिसों में स्पष्ट कहा गया है कि 7वें वेतन आयोग के अनुसार शिक्षकों एवं कर्मचारियों का भुगतान करने के लिए फीस वृद्धि कर 1 जनवरी, 2016 से 30 नवम्बर, 2017 तक बकाया भी वसूल किया जा सकता है।  स्कूलों ने अपने फीस वृद्धि नोटिस में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर, 2017 के परिपत्र का जिक्र किया है।  स्कूलों ने अपने नोटिस में यह भी बताया है कि शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर के परिपत्र अनुसार वह निदेशालय को केवल आॅनलाइन सूचना देकर फीस वृद्धि वसूल सकते हैं।  इसके अलावा स्कूल 1 दिसम्बर, 2017 से 15 प्रतिशत नियमित फीस वृद्धि भी कर सकते हैं।

    श्री तिवारी ने कहा कि निजी स्कूलों की फीस वृद्धि नोटिस के माध्यम से शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर, 2017 की बात सामने आने के बाद अब यह स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार की निजी स्कूलों के प्रबंधनों से सांठगांठ है और वृद्धि की पूर्व जानकारी केजरीवाल सरकार को थी।

दिल्ली की जनता मांग करती है कि केजरीवाल सरकार 17 अक्टूबर, 2017 के शिक्षा निदेशालय के परिपत्र को वापस ले क्योंकि निजी स्कूल इसी का लाभ उठाकर फीस वृद्धि कर रहे हैं।

श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने लम्बी लापरवाही के बाद शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के लाइसेंस को रद्द करने की घोषणा की है जिसके बाद मैंने वहां इलाज पा रहे मरीजों एवं विभिन्न प्रकार के कर्मचारियों के जीवन पर इस लाइसेंस को रद्द किये जाने के प्रभाव का विषय उठाया तब मुख्यमंत्री ने मुझ पर, मेरे ज़मीर पर प्रश्न उठाया पर आज मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूँ कि दिल्ली में ठंड से हुई 91 मौतों के समाचारों को देखने के बाद उनका दिल विचलित हुआ या नहीं और अगर नहीं हुआ तो यह उनके ज़मीर पर प्रश्न खड़ा करता है।

इसी तरह मुख्यमंत्री बतायें कि उनके ज़मीर ने उन्हंे यह इजाजत कैसे दे दी कि निजी अस्पतालों के लिए गाइड लाइन एवं सेवा शुल्क बनाने के लिए गठित कमेटी में उन्होंने उन्हीं निजी डाॅक्टरों को रख लिया है जो मैक्स अस्पताल लाइसेंस मामले में चुनौती दे रहे हैं।

सत्ता में आने से पूर्व एवं तुरन्त बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बेघरों को आश्रय देने के बड़े-बड़े वायदे किये थे पर मात्र 12 दिनों में 91 मौतों के समाचार ने संवेदनहीन मुख्यमंत्री के ज़मीर को झकझोड़ा हो या नहीं दिल्लीवालों को विचलित जरूर कर दिया है। दिल्ली की जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल बतायें कि उनकी सरकार बेघरों को आश्रय देने में विफल क्यों रही ?

श्री तिवारी ने कहा कि गत तीन माह से मेट्रो किराये के मामले में केजरीवाल सरकार की नौटंकी को दिल्ली देख रही है, निश्चय ही किराया वृद्धि से लोगों को असुविधा हुई है पर मेट्रो की सुरक्षित-सुगम सेवा के कारण लोग उसका उपयोग लगातार कर रहे हैं पर अरविन्द केजरीवाल सरकार के अंतर्गत चलने वाली डी.टी.सी. का ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है।  डी.टी.सी. की बसें डिपो में खराब खड़ी हैं और जनता सड़कों पर बसों के लिए परेशान है।  दिल्ली में 10,000 बसों की आवश्यकता है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी इस संदर्भ में केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है, इस पर केजरीवाल सरकार मूक दर्शक बने बैठे हैं और उनके मंत्री केवल बयान बाजी कर रहे हैं।

केजरीवाल सरकार के अधीन आयुष संबंधी 16,000 करोड़ रूपये के घोटाले के समाचार का उल्लेख करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है और सरकार को इस पर अविलम्ब स्पष्टिकरण देना चाहिये।  आम आदमी पार्टी खुद को घोटालों के विरूद्ध बोलने वाली विशेषज्ञ पार्टी बताती थी पर आज उसकी दिल्ली सरकार घोटालों एवं डीलों का प्रतीक बन गयी है और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का ज़मीर सो गया है।

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