दिल्ली: पुलिस बल पर हमला कर हत्या व हथियार लूट ले जाने वाला नक्सली नेता 26 वर्ष बाद धरा गया, क्राइम ब्रांच के DCP रोहित मीणा के मार्गदर्शन में ACP अभिनेन्द्र जैन व इंस्पेक्टर नेकी राम लांबा की टीम की कामयाबी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने नक्सली संगठन ‘इंडियन पीपुल्स फ्रंट’ (माले) के एक ऐसे खूंखार नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है, जो बिहार पुलिस के एक जवान की हत्या व तीन पुलिसकर्मियों को घायल करने के बाद पुलिसकर्मियों का रायफल व 40 जिंदा कारतूस लेकर करीब 26 वर्षों से फरार था। यही नही, पुलिस की नज़रों से बचने के लिए यह एक साजिश की तहत परिजनों की मदद से खुद को मरा हुआ भी घोषित कर चुका था। राजधानी दिल्ली के पुल प्रह्लादपुर इलाके से कड़ी मशक्कत के बाद धरे गए इस खतरनाक नक्सली नेता की पहचान बिहार के पटना निवासी किशुन पंडित के रूप में हुई है। निःसंदेह यह दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है।

पुलिस टीम की गिरफ्त में आरोपी

यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी रोहित मीणा के मार्गदर्शन, ACP अभिनेन्द्र जैन के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर नेकी राम लांबा के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। पुलिस टीम में तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर अरविंद, राकेश कुमार, जांबाज थानेदार पवन कुमार, महेश कुमार, रंधावा, राजवीर, मनोहरलाल, जगदीश, हेड कांस्टेबल योगेश, संदीप, अनुभवी कांस्टेबल हेमंत, सुनील, ऋषिपाल और राधे श्याम शामिल थे।

ACP अभिनेन्द्र जैन

पकड़ा गया आरोपी करीब 26 साल से दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में पहचान छिपाकर अपनी लाइफ जी रहा था। बिहार पुलिस को यह भनक तक न लगी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे ढूंढ निकाला।
उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर, 1996 को माले कमांडर देविंदर सिंह की बिहार के पुनपुन इलाके में कुछ अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी, तो बिहार पुलिस देविंदर सिंह का शव अपने साथ ले जाने लगी। यह बात किशुन पंडित को नागवार गुजरी। फिर इसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला बोल दिया। हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत व तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद यह आरोपी अपने साथियों की मदद से पुलिस दल की रायफल व 40 जिंदा कारतूस के साथ अपने नक्सली कमांडर का शव ले जाने में भी कामयाब हो गया था।
खबर के अनुसार उपरोक्त वारदात को अंजाम देने के बाद धरा गया आरोपी पुलिस की नजरों से बचने के लिये अपने परिवार की मदद से एक योजना बनाई। दरअसल उसी दौरान बिहार में एक रेल दुर्घटना के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी।, जिसमे सुनियोजित योजना के तहत आरोपी के परिजनों ने एक शव की शिनाख्त आरोपी किशुन पंडित के रूप में की व उस शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। इसके बाद किशुन पंडित फरीदाबाद में रहने लगा था।
बहरहाल पुलिस टीम की तफ्तीश जारी है।