दिल्ली: 30 लाख की हेरोइन के साथ ‘ड्रग्स क्वीन’ गिरफ्तार, क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) के ACP जितेंद्र झा के निर्देशन व इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में गठित टीम ने धरा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में ड्रग्स माफियाओं के बीच ‘ड्रग्स क्वीन’ के नाम से चर्चित महिला ड्रग तस्कर संध्या को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पास से उत्तम क्वालिटी की दो सौ ग्राम हेरोइन की बरामदगी हुई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 30 लाख से ज्यादा बताई जाती है।
यह कामयाबी मिली है, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) के ACP जितेंद्र झा के निर्देशन तथा इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र के नेतृत्व में गठित एक विशेष पुलिस टीम को। इस टीम में तेज-तर्रार सब इंस्पेक्टर रवि सैनी, श्याम शरण, कांस्टेबल सुमित, सुखबीर व महिला कांस्टेबल सरबजीत शामिल थी।
निहाल बिहार इलाके से पुलिस टीम के हत्थे चढ़ी 33 वर्षीया संध्या, पत्नी धर्मेंद्र, निवासी- A ब्लॉक, मादीपुर(दिल्ली) का ताल्लुक पेशेवर आपराधिक परिवार से है। इसकी माँ पर अवैध शराब बेचने के कई मुकदमे दर्ज हैं, तो दो बहनों के खिलाफ भी विभिन्न थानों में अवैध शराब बेचने के कई मामले दर्ज हैं। वहीं, इसका पति भी अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा है, जिसपर विभिन्न थानों में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

ACP जितेंद्र झा


पिछले करीब एक साल से ड्रग सप्लाई के धंधे में संलिप्त संध्या का कार्य क्षेत्र वैसे तो मुख्य रूप से वेस्ट दिल्ली व आउटर दिल्ली था, पर यह डिमांड पर अन्य इलाकों में भी ड्रग की सप्लाई करती थी। बता दें, यह बेहद कम समय मे जरायम की दुनिया मे अपनी विशेष पहचान बना ली थी। इसकी हसरत थी, दिल्ली का सबसे बड़ा ‘ड्रग तस्कर’ बनने की। लेकिन दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल की टीम ने गिरफ्तार कर, इसकी हसरत पर ग्रहण लगा दिया।

इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्र

घरेलू महिला से ‘ड्रग्स क्वीन’ का सफर-

मात्र पांचवी कक्षा तक पढ़ी संध्या शुरुआत में एक घरेलू महिला थी। संतान के नाम पर इसे 3 लड़के व एक बिटिया है। घर मे इसे कोई खास परेशानी नही थी। लेकिन इसकी हसरत बहुत बड़ी थी। सामान्य जिंदगी की बजाए यह अमीरजादा की जिंदगी की चाहत रखती थी। यही वजह था, यह शार्ट कट रास्ते से जल्द अमीर बनने के लिए आतुर हो उठी। इसी बीच इसका ध्यान सागरपुर निवासी अपने एक रिश्तेदार सन्नी पर गया, जिसपर आबकारी अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, हत्या के प्रयास, स्नैचिंग व चोरी के 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। सन्नी ने बहुत कम समय मे हेरोइन के कारोबार से बहुत पैसा कमा लिया था। सन्नी की जीवनशैली से संध्या इतना प्रभावित हुई, कि इसने भी उसके साथ जुड़कर हेरोइन के कारोबार में उतरने का निर्णय ले लिया। इसके बाद यह सन्नी के साथ उसके धंधे से जुड़ गई।
संध्या कुछ ही माह सन्नी के लिये काम की। अबतक वह इस धंधे के बारे में बहुत कुछ जान चुकी थी। फिर उसने स्वतंत्र रूप से धंधा शुरू कर लिया। वह मंगोलपुरी के एक शख्स से हेरोइन खरीदती, जिसे आपूर्तिकर्ताओं व उपयोगकर्ताओं को बेच देती थी। जल्द ही वह इस धंधे की शातिर खिलाड़ी बन गई थी।
इसी बीच संध्या की हुंडई वेन्यू कार में हेरोइन के साथ सन्नी कापसहेड़ा इलाके में गिरफ्तार हो गया। पुलिस ने कार जब्त कर ली। लेकिन मामले में संध्या गिरफ्तार नही हुई, क्योंकि गिरफ्तारी से पहले ही यह अग्रिम जमानत ले ली थी।
बता दें कि इस घटना के बाद भी संध्या के धंधे की रफ्तार कम नही हुई। हां, सन्नी की गिरफ्तारी के बाद अब धंधे में बेहद सावधानी जरूर बरतती थी। अब यह स्कूटी व टीएसआर में सप्लाई देने जाती व रास्ते मे किसी से मुलाकात नही करती थी, ताकि पुलिस की नजर इसपर न जाये। लेकिन आखिरकार यह दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(नारकोटिक्स सेल) की नजरों से बच नही सकी और धर ली गई।